भोपाल. कोलार नगर पालिका पुनर्गठन की कवायद के बीच अब इसके लिए स्पेशल पैकेज की मांग उठने लगी है। कोलार के अमिताभ अग्निहोत्री की ओर से कोलार नगर पालिका पुनर्गठन के पक्ष में जिला प्रशासन को 80 पेज का पूरा आवेदन दिया गया।
कोलार नगर पालिका बनने से पहले 1000 करोड़ रुपए के स्पेशल पैकेज की मांग की गई। गौरतलब है कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी इसके लिए 5000 करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं। अग्निहोत्री ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि शासन ने नगर पालिका का विलय ही अवैध किया था, इस मामले में प्रकरण कोर्ट में चल रहा है।
अब इसे नगर पालिका बनाया जा रहा है तो केंद्र की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कोलार में सीवर, पानी, बिजली, सडक़ व अन्य नागरिक सुविधाओं के लिए भी 1000 करोड़ रुपए के स्पेशल पैकेज की जरूरत है।
उन्होंने प्रशासन से निवेदन किया है कि स्पेशल पैकेज किस मद में दिया जाएगा, ये स्पष्ट करने की जरूरत है। कोलार के राहुलसिंह राठौर ने भी कोलार विकास के लिए स्पेशल पैकेज का समर्थन किया है। उनका कहना है कि मैं स्पेशल पैकेज की मांग में सबके साथ हूं।
नगर पालिका बनी तो कमाई 3.31 करोड़, जरूरत 30 करोड़ रुपए की कोलार के पास खुद की आय का कोई स्त्रोत नहीं है। संपत्तिकर की राशि ही उसकी आय का एकमात्र जरिया है। ये राशि बेहद कम है। नगर निगम के पिछले बजट में देखें तो वार्ड 80 से वार्ड क्रमांक 85 तक संपत्तिकर की कुल वसूली 3.31 करोड़ रुपए रही। इस साल ये साढ़े तीन करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है।
इसमें समेकित कर के रूप में वसूली राशि का आंकड़ा भी शामिल है। इसके उलट खर्च के लिए शुरुआत में ही कम से कम 30 करोड़ रुपए की जरूरत रहेगी। यानि आमदनी से दस गुना अधिक खर्च होगा। इसके लिए शासन को कोलार के लिए तगड़ा खर्च करना पड़ेगा। इसकी आय के नए स्त्रोत भी बनवाने पड़ेंगे।
यदि ऐसा नहीं किया तो कोलार में तमाम विकास कार्य ठप हो जाएंगे। जलापूर्ति के लिए केरवा प्रोजेक्ट का बिजली बिल, लाइन मेंटेनेंस, कचरा परिवहन वाहनों का रखरखाव उनका पेट्रोल-डीजल, फायर फायटर पर किए जाने वाला खर्च, स्ट्रीट लाइट के साथ ही कर्मचारियों के वेतन भत्तों का खर्च होगा।