3 से 27 दिन में मुकम्मल होगा कुरान
मोती मस्जिद में गुरुवार मगरिब की नमाज के बाद रुहते हिलाल कमेटी की बैठक हुई। शहर काजी मुश्ताक अली नदवी सहित कई उलेमा शामिल हुए। चांद देखने को उत्सुक बड़ी संख्या में शहर के लोग भी मौजूद थे। चांद के दीदार के साथ ही लोगों ने एक.दूसरे को माहे रमजान की मुबारकबाद दी। इबादत वाले इस महीने के लिए तरावीह की तैयारी शुरु हो गईं। शहर की 200 मस्जिदों में तरावीह हो रही है। जामा मस्जिद, ताजुल मस्जिद, मोती मस्जिद सहित अन्य प्रमुख मस्जिदों में 21 से 27 दिन में कुरान पूरा होगा। कई जगह यह 10 दिन तो कहीं 15 दिन में पूरा किया जा रहा है। कुछ जगह यह तीन दिन में पूरा किया जा रहा है। तरावीह में इमाम कुरान का पाठ करते हैं।
उलेमा ने रोजों का एहतमाम करने की हिदायत दी। कहा दिखावे की बजाए अल्लाह को रोजी करने के लिए इबादत करें। हाफिज जुनैद ने बताया कि रोजा सिर्फ भूखे प्यासे रहने का नाम नहीं है। रोजा आंख, हाथ, पैर, दिल, मुंह सभी का होता है ताकि रोजा रखने वाला इंसान हमेशा बुराई से तौबा करता रहे और बुराइयों से बचता रहे। जो इन बुराइयों से खुद को नहीं रोक पाए तो उसका रोजा कोई काम का नहीं।
रमजान पर बाजार भी गुलजार, विशेष माह के लिए कई विशेष खाद्य सामग्री भी आईं- बाजार भी शाम को गुलजार रहा। सेहरी और इफ्तार का सामान जुटाने के लिए इब्राहिमपुरा, चौक, जुमेराती सहित पुराने शहर के बाजारों में काफी भीड़ थी। खजूर व फल सहित कई सामान की ब्रिकी हुई। इस माह के लिए कई विशेष सामग्री भी आई है। इनमें कई तरह के खजूर शामिल हैं।