मध्यप्रदेश में इस बार जबर्दस्त बारिश हो रही है। इस बरसात का असर पुल-पुलियाओं पर भी पड़ा है। कई बड़े पुल दरक गए हैं। कुछ ऐसा ही हाल सिवनी में बने एशिया के सबसे बड़े साउंड प्रूफ ब्रिज का भी हो गया है। यह पुल कई जगहों से टूट गया है, इसपर दरारें आ गई हैं।
यह भी पढ़ें : एमपी के बड़े पुलिस ऑफिसर के पीछे पड़ गए लोग, ज्वाइन ही नहीं कर पा रहे आईपीएस अधिकारी
सिवनी जिले में बना यह ब्रिज 29 किलोमीटर लंबा है। यह एशिया का सबसे बड़ा साउंड प्रूफ ब्रिज है। देश का पहला साउंड प्रूफ ब्रिज कुछ सालों में ही टूट फूट गया है जिसके कारण एक तरफ का ट्रैफिक बंद करना पड़ा है। यह ब्रिज 960 करोड़ रुपए की भारी भरकम लागत से बनाया गया था।
सिवनी जिले में बना यह ब्रिज 29 किलोमीटर लंबा है। यह एशिया का सबसे बड़ा साउंड प्रूफ ब्रिज है। देश का पहला साउंड प्रूफ ब्रिज कुछ सालों में ही टूट फूट गया है जिसके कारण एक तरफ का ट्रैफिक बंद करना पड़ा है। यह ब्रिज 960 करोड़ रुपए की भारी भरकम लागत से बनाया गया था।
सिवनी जिले में यह साउंड प्रूफ ब्रिज नेशनल हाईवे 44 पर बना है। देश के उत्तर में स्थित कश्मीर से सुदूर दक्षिण के कन्याकुमारी (Kashmir To Kanyakumari) को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे 44 सिवनी से होकर गुजरता है। इसी हाइवे पर साउंड प्रूफ ब्रिज बना है।
सिवनी से नागपुर के बीच स्थित पेंच टाइगर रिजर्व के कारण यह साउंड प्रूफ ब्रिज बनाया गया है। घने जंगलों में रहनेवाले जंगली जानवरों को गुजरते वाहनों का शोरगुल परेशान न करे, इसके लिए साउंड प्रूफ ब्रिज बनाया गया। यहां से गाड़ियां पूरी तेजी से भागती हैं लेकिन ब्रिज के नीचे जरा भी आवाज नहीं आती। ब्रिज पर वन्यजीवों की सुविधा के लिए लाइट रिड्यूसर भी लगा है। इतना ही नहीं, जंगली जानवरों के आवागमन के लिए 14 एनिमल अंडरपास भी बनाए गए हैं।
29 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज इस बार की जोरदार बारिश नहीं झेल पाया। भारी बारिश के कारण ब्रिज कई जगहों पर टूट गया है, कई दरारें आ गई हैं। ब्रिज की मरम्मत की जा रही है जिसके लिए एक तरफ का आवागमन रोक दिया गया है। एक तरफ का मार्ग बंद हो जाने से हाईवे पर रोज जाम लग रहा है।