ट्रेनों के संचालन में भी होगा उपयोग आरईएमसीएल ने पांच साल का लक्ष्य लेकर ह्रश्वलान बनाया है। रेलवे ट्रैक के दोनों ओर 1320 एकड़ जमीन पर सोलर पैनल लगेंगे। इससे बनने वाली बिजली ट्रेनों के संचालन के साथ पटरी के किनारे कृषि कार्य के लिए किसानों को भी बेची जाएगी।
पहली बार रेल पटरियों के किनारे सौर संयत्र लगेंगे। रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी 2030 तक इसे पूरा करेगी। यह रेलवे को जरूरत की बिजली देगी। – मनोज सिंह, पीआरओ, झांसी रेलवे
यहां सूरज से रोशन हो रहे दफ्तर- प्लेटफॉर्म
जगह बिजली डीआरएम कार्यालय- 220 किलोवॉट
रेलवे अस्पताल- 55.44 किलोवॉट
इलेक्ट्रिक लोको शेड- 55.50 किलोवॉट
ग्वालियर- 35.2 किलोवॉट
डबरा -24.96 किलोवॉट
मुरैना 19.86 किलोवॉट
दतिया 10.08 किलोवॉट
टीकमगढ़ 24.96 किलोवॉट
खजुराहो 43.90 किलोवॉट
छतरपुर 49.92 किलोवॉट
सलकनपुर 24.96 किलोवॉट
बिरलानगर 35.20 किलोवॉट