भोपाल

अम्मी मत रोईए, बच्चा जिंदा है, सुनते ही गम के आंसू खुशी में छलके

कुछ बच्चों के परिजन तब राहत महसूस कर रहे हैं। जब किसी कारणवश उनका बच्चा जिंदा रह गया या उनके बच्चे के जिंदा होने की खबर माता पिता को लग रही है।

भोपालNov 10, 2021 / 10:22 am

Subodh Tripathi

अम्मी मत रोईए, बच्चा जिंदा है, सुनते ही गम के आंसू खुशी में छलके

भोपाल. नफीसा को सोमवार देर रात बताया गया कि उनके यहां नवजात बच्चे की मौत हो गई है। तो नफीसा और परिवार के सदस्य रोने लगे। सुबह 10 बजते-बजते परिजन इतना रो चुके थे कि उनकी आंखों के आंसू भी सूख गए थे। पत्रिका रिपोर्टर नफीसा के पास पहुंचे तो दुखी आवाज में बताने लगी, दामाद की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है। बेटी की जिद के कारण शादी कर दी। डेढ़ साल बाद परिवार में खुशियां आई ही थी कि किसी की नजर लग गईं। इसी बीच पीछे से आए एक रिश्तदार ने बताया कि, अपना बच्चा सही हैं, भाई देखकर आए हैं। उसकी नाक में नली डली है, लेकिन वह अच्छा है। यह सुनते ही एक बार तो नफीसा को विश्वास नहीं हुआ, लेकिन अगले ही पल या अल्लाह कहकर रो पड़ी। किसी ने दिलासा दिया कि अम्मी मत रोईए यह तो खुशी की खबर है। इस तरह गम के आंसू खुशियों में बदल गए।

अब एडमिट ही नहीं करूंगी बच्चे को
जिस समय आग लगी बच्चा मेरी गोद में था। आग लगने की बात सुनकर सब भागे। नीचे उतरने के रपटे से मैं भी बच्चे को लेकर दौड़ी। मैं बच्चे को बाहर ले आई तबसे यह मेरी ही गोद में है। अब इसे कहीं भर्ती नहीं करुंगी। यह कहानी कार्डिएक वार्ड के शेड में बैठी ममता बाई ने बताई। 10 दिनों के बच्चे की नाक में फ्लूड पाइप लगी थी, वह मां का दूध नहीं पी सकता , लेकिन मां की ममता है कि वह बच्चे को छोडऩा ही नहीं चाहती।

आपको बतादें कि प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में स्थित कमला नेहरू गैस राहत पीडियाट्रिक वार्ड में सोमवार देर रात आग लगने के कारण बड़ा हादसा हो गया, इस कारण कई बच्चों की मौत हो चुकी है। ऐसे में कुछ बच्चों के परिजन तब राहत महसूस कर रहे हैं। जब किसी कारणवश उनका बच्चा जिंदा रह गया या उनके बच्चे के जिंदा होने की खबर माता पिता को लग रही है।

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