MUST READ : सावन विशेष- जानें, सोमवार को ही क्यों माना जाता है भगवान शिव का दिन
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के हबीबगंज स्टेशन पर बने एक शिव मंदिर में जहां हर सावन के किसी एक सोमवार को नाग जरूर आता है, वहीं बालाघाट की वारासिवनी जेल के अंदर बने एक मंदिर में भी हर शिवरात्रि को एक नाग अवश्य आता है। वहीं इसके अलावा भी कुछ ऐसी जगह हैं जहां शिवलिंग पर हमेशा नाग आता ही है।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के हबीबगंज स्टेशन पर बने एक शिव मंदिर में जहां हर सावन के किसी एक सोमवार को नाग जरूर आता है, वहीं बालाघाट की वारासिवनी जेल के अंदर बने एक मंदिर में भी हर शिवरात्रि को एक नाग अवश्य आता है। वहीं इसके अलावा भी कुछ ऐसी जगह हैं जहां शिवलिंग पर हमेशा नाग आता ही है।
दरअसल भोपाल के हबीबगंज रेलवे परिसर में बने एक शिवमंदिर में हर सावन मास में एक नाग हर बार आकर लोगों के कौतुहल का विषय बनता है। इस दौरान स्टेशन स्थित शिव मंदिर में यह नजारा देखने वालों की भीड़ लग जाती है। जानकारी के अनुसार हर सावन मास के किसी एक सोमवार को एक बड़ा नाग अपना फन फैलाए फुफकारते हुए मंदिर में जा घुसा आता है और उसके बाद वह शिवलिंग के पास जाकर बैठ गया। वह किसी को भी अपने नजदीक नहीं आने देता। जो भी उसके पास जाता है उसे वह फुफकार कर दूर जाने को कह देता है।
हबीबगंज रेलवे स्टेशन स्थित भवानी मंदिर में है यह शिव मंदिर। यहां के पुजारी पं. जगदीश शर्मा के मुताबिक मंदिर में यह नाग अचानक आ गया। उस समय मंदिर में कोई नहीं था। वह शिवलिंग तक पहुंच गया और लिपट गया।
इसके अतिरिक्त आज कल एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है, जिसमें रुद्रभिषेक के दौरान एक सर्प शिवलिंग को लपेटे बैठा है, जबकि लोग आसानी से रुद्रभिषेक कर रहे हैं।
हबीबगंज रेलवे स्टेशन स्थित भवानी मंदिर में है यह शिव मंदिर। यहां के पुजारी पं. जगदीश शर्मा के मुताबिक मंदिर में यह नाग अचानक आ गया। उस समय मंदिर में कोई नहीं था। वह शिवलिंग तक पहुंच गया और लिपट गया।
इसके अतिरिक्त आज कल एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है, जिसमें रुद्रभिषेक के दौरान एक सर्प शिवलिंग को लपेटे बैठा है, जबकि लोग आसानी से रुद्रभिषेक कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त एक अन्य वीडियो जो वायरल हो रहा है उसमें एक सफेद रंग के शिवलिंग पर एक लंबा सा सर्प शिवलिंग को अपने शरीर से लपेटाकर बैठा हुआ है। वहीं शिवलिंग के पास ही भक्त भगवान शिव व नागदेव के जयकारे लगा रहे हैं। यह बैठा सर्प इन आवाजों से जरा भी भय नहीं खा रहा है। भक्त यहां शिवलिंग पर दूध चढा रहे हैं, जो नागदेवता तक भी आ रहा है।
जानकारों के अनुसार पौराणिक मान्यताओं में भगवान शंकर और सर्प का जुड़ाव गहरा है तभी तो वह उनके शरीर से लिपटे रहते है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह बात सिर्फ मान्यताओं तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह इस कलियुग में भी हकीकत में परिलक्षित होती दिखती है।
यूं तो भगवान जनता जनार्दन के लिए अपनी कृपा बरसाने में अति दयालु है लेकिन कहते हैं कि अगर आपको भगवान शंकर के साथ सर्प के दर्शन हो जाएं तो समझिए कि साक्षात भगवान शंकर के ही दर्शन हो गए। और चुकिं मान्यता है कि भगवान शिव के गले में हमेशा सर्प रहते हैं, अत: शिवलिंग जो भगवान शिव का ही प्रतीक है अत: उस पर भी सर्प आ जाते हैं।
जानकारों के अनुसार पौराणिक मान्यताओं में भगवान शंकर और सर्प का जुड़ाव गहरा है तभी तो वह उनके शरीर से लिपटे रहते है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह बात सिर्फ मान्यताओं तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह इस कलियुग में भी हकीकत में परिलक्षित होती दिखती है।
यूं तो भगवान जनता जनार्दन के लिए अपनी कृपा बरसाने में अति दयालु है लेकिन कहते हैं कि अगर आपको भगवान शंकर के साथ सर्प के दर्शन हो जाएं तो समझिए कि साक्षात भगवान शंकर के ही दर्शन हो गए। और चुकिं मान्यता है कि भगवान शिव के गले में हमेशा सर्प रहते हैं, अत: शिवलिंग जो भगवान शिव का ही प्रतीक है अत: उस पर भी सर्प आ जाते हैं।