विवेक तन्खा की ओर से राज्य के पूर्व सीएम शिवराज सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया गया था। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय भी इसे रद्द करने से इनकार कर चुका है। 25 अक्टूबर को हाईकोर्ट के फैसले के बाद तीनों नेता सुप्रीम कोर्ट गए लेकिन वहां से राहत नहीं मिली।
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एमपी के दमोह में खुदाई में निकले शिवलिंग और जलहरी, नागदेवता के कई पत्थर भी मिले हालांकि उच्चतम न्यायालय ने मामले में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और दो अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ जमानती वारंट की तामीली पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की युगलपीठ ने मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार करने के मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली भाजपा नेताओं की याचिका पर तन्खा को चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। याचिकाकर्ता विवेक तन्खा ने सुनवाई अदालत में अपनी शिकायत में कहा था कि सन 2021 में मध्यप्रदेश में पंचायत चुनावों से पहले तीनों नेताओं, पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान, वीडी शर्मा और भूपेंद्रसिंह ने मान हानिकारक बयान दिए। शीर्ष अदालत के 17 दिसंबर, 2021 के आदेश के बाद तीनों भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि उन्होंने- विवेक तन्खा- स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी समुदाय के लिए आरक्षण का विरोध किया था, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।
तन्खा ने याचिका में 10 करोड़ रुपए के हर्जाने और तीनों बीजेपी नेताओं के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया। याचिका में तन्खा ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने राजनीतिक लाभ के लिए उनके खिलाफ झूठा, दुर्भावनापूर्ण, समन्वित और अपमानजनक अभियान चलाया। उन पर शीर्ष अदालत में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण का विरोध करने का गलत आरोप लगाया।
विवेक तन्खा की याचिका पर जबलपुर की विशेष अदालत ने 20 जनवरी 2024 को तीनों भाजपा नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 के तहत मानहानि का मामला दर्ज कर लिया। कोर्ट ने उन्हें तलब किया था।