शिवराज बुदनी से विधायक और विदिशा से सांसद हैं। वे 4 जून को सांसद चुने गए थे। सूत्रों का कहना है कि शिवराज सोमवार या मंगलवार को बुदनी विधानसभा से इस्तीफा दे सकते हैं। लोकसभा चुनाव में शिवराज ने विदिशा से धमाकेदार जीत दर्ज की है। कांग्रेस के प्रतापभानु शर्मा को 8 लाख से ज्यादा वोटों से हराया।
यह प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी जीत रही। इंदौर में भाजपा के शंकर लालवानी ने 10 लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव जीता था, लेकिन यहां कांग्रेस उम्मीदवार मैदान में नहीं था।
–देवेन्द्र वर्मा, संविधान विशेषज्ञ एवं पूर्व प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ विधानसभा
इस्तीफा का यह है नियम
यदि कोई जनप्रतिनिधि विधायक रहते हुए सांसद या फिर सांसद रहते हुए विधायक चुना जाता है तो वह लंबें समय तक दोनों पदों पर नहीं रह सकता। उसे निर्वाचित होने के 14 दिन के अंदर एक पद से इस्तीफा देना होगा। ऐसा नहीं करने पर उसकी उस सदन से सदस्यता समाप्त हो जाएगी, जिसमें वह बाद में सदस्य बना है।–देवेन्द्र वर्मा, संविधान विशेषज्ञ एवं पूर्व प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ विधानसभा
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Budhni Assembly Byelection : शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद क्या बुधनी सीट से चुनाव लड़ेंगे बेटे कार्तिकेय चौहान ? ये नाम भी दौड़ में आगे
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एक नजर
0-बुदनी सीट से शिवराज 1990 में पहली बार चुनाव लड़े और जीते थे। 1991 में अटल बिहारी वाजपेयी ने विदिशा से इस्तीफा दिया और वे पहली बार उपचुनाव लड़े और जीते।0-बुदनी उपचुनाव में शिवराज सिंह के सांसद बनते ही उन्हें फिर इस्तीफा देना पड़ा। 1992 में उनके छोड़ने से उपचुनाव हुआ और भाजपा के मोहनलाल जीते।
0-विदिशा सांसद रहे शिवराज को 2005 में मुयमंत्री पद का दायित्व दिया गया और उन्हें विदिशा से इस्तीफा देना पड़ा। इस सीट पर उपचुनाव हुए और रामपाल सिंह राजपूत सांसद बने।
0-मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज को विधानसभा सदस्य बनना जरूरी था, इसलिए बुदनी विधायक राजेंद्र सिंह ने अपनी सीट खाली की और उस पर 2006 में उपचुनाव हुए जिसमें शिवराज जीते।
0-शिवराज सिंह चौहान ने 2013 में बुदनी और विदिशा दोनों सीटों से चुनाव लड़ा। फिर विदिशा सीट छोड़ दिए जिससे फिर उपचुनाव हुए।
0-शिवराज सिंह 2023 में बुदनी से विधायक चुने गए। भाजपा ने 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ा दिया और वे सांसद चुने गए। अब वे केंद्रीय मंत्री हैं और इस नाते उन्हें विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देना होगा। इसके बाद बुदनी में उपचुनाव होंगे।