शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों के साथ भोपाल स्थित न्यू मार्केट के पास धरना दिया। इस दौरान उन्होंने कमलनाथ सरकार पर खूब निशाना साधा। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आदिवासी भाई-बहन जिस तरह से अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। उसे प्रशासन के द्वारा रोकना पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। यह उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है जो मैं कतई नहीं होने दूंगा
मध्यप्रदेश के आदिवासी अपनी मांगों और वन अधिकारों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने भोपाल आ रहे थे। जिसे प्रशासन ने शहर से बाहर ही रोक दिया। इसकी खबर मिलते ही शिवराज सिंह चौहान उन्हें लाने पहुंच गए। इसके साथ ही आदिवासी अपने ऊपर वन विभाग के द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे को वापस लेने की मांग कर रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि सीहोर जिले से आए मेरे आदिवासी भाइयों-बहनों आपकी इस लड़ाई में यह मंच, भोपाल की जनता और भारतीय जनता पार्टी आपके साथ है। उन्होंने कहा कि अन्याय की पराकाष्ठा हो गई। धरती, पानी, जंग, खदानें इन पर सबका बराबर का हक है। जंग में रहने वाले मेरे सीधे-सादे आदिवासी भाई-बहनों का हक छीना जा रहा है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस धरती पर मेरे आदिवासी भाई-बहनों का भी बराबर का हक है। इसको किसी सरकार ने छीनने की कोशिश की, तो हम उसे भी नहीं छोड़ेंगे। जब तक मामा जिंदा है, तब तक अन्याय नहीं होने देगा। सुन ले सरकार कि किसी आदिवासी की जमीन को हाथ भी लगाया तो अंजाम बुरा होगा।
आदिवासियों के आंदोलन पर शिवराज के तेवर देख, सीएम कमलनाथ ने उन्हें बुलावा भेजा। उसके बाद शिवराज सिंह उनसे मिलने गए। शिवराज सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि आंदोलनरत बुधनी के आदिवासियों की मांगें मानने पर मुख्यमंत्री को आभार।