पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य में शराब दुकानों की संख्या बढ़ाई तो भाजपा सड़कों पर उतरकर इसका विरोध करेगी। कमाई बढ़ाने के लिए शराब दुकानों की संख्या बढ़ाए जाने का फैसला उचित नहीं है।
शिवराज सिंह ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल में भी शराब दुकानें बढ़ाए जाने का प्रस्ताव आता था लेकिन वे इसके लिए कभी तैयार नहीं हुए। बल्कि वे तो धीरे-धीरे शराब दुकानों की संख्या कम कर राज्य में शराब बंदी करना चाहते थे। अब वर्तमान सरकार इसके उलट फैसला ले रही है। यह जनहित में नहीं है।
शिवराज ने कहा कि नर्मदा किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में शराब की 78 दुकानें बंद की गई, लेकिन मौजूदा सरकार शराब दुकानों में अहाते खोलने की मंजूरी दे रही है। देर रात बार खोले जाएंगे और शराबी वहां से शराब पीकर निकलेंगे तो इससे अपराध बढ़ेंगे।
उन्होंने सवाल किया कि अपनी आय (राजस्व) बढ़ाने के लिए क्या सरकार अपराध भी बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार शराब अहाते खोलने का फैसला वापस ले। उन्होंने सवाल किया कि यदि लोग खुले में शराब पी रहे हैं तो उन पर कार्यवाही करने से किसने रोका है, बल्कि उनके लिए और स्थान उपलब्ध कराना उचित नहीं है।
यहां वहां की बात कर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश –
शिवराज ने कहा कि राज्य के किसान परेशान हैं, उनके बैंक खाते में अब तक समर्थन मूल्य की राशि नहीं पहुंची है। प्राकृतिक आपदाओं के वक्त जनता को तुरंत राहत पहुंचाई जाती थी। केन्द्र से मदद का इंतजार नहीं किया जाता था, लेकिन अब सरकार लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यहां वहां की बातें कर रही है। मंत्रियों से कहा जा रहा है कि दिल्ली में जाकर धरना दो। एक अन्य सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि कांग्रेस बताए कि प्रदेश में भाजपा कार्यकाल में कितने सांसद आर्थिक मदद के लिए दिल्ली गए।
महापुरुषों के सम्मान में न हो राजनीति –
मध्य प्रदेश स्थापना दिवस कार्यक्रम के कार्ड में दीनदयाल उपाध्याय की फोटो प्रकाशित होने और फिर हटाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि महापुरुषों के सम्मान में राजनीतिक मतभेद सामने नहीं आना चाहिए।
आंगनबाडिय़ों और मिड्डे मील में अंडा दिए जाने के फैसले पर शिवराज बोले, कुपोषण दूर करने के लिए सिर्फ अंडा जरूरी नहीं है। यह देखना जरूरी है कि सरकारी से किसी की धार्मिक भावना को ठेस न पहुंचे।