उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा कि क्या कमलनाथ जी को इतना भी पता नहीं है कि शराब से लोगों की गाढ़ी मेहनत की कमाई बर्बाद होगी, बहन-बेटियों की सुरक्षा खतरे में पड़ेगी और अपराध बढ़ेगा। शिवराज इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने तीसरा ट्वीट कर लिखा कि कमलनाथ जी, मुझे केवल इतना बता दें कि शराब से अब तक किसका भला हुआ है। अगर किसी को फायदा नहीं हुआ है, तो फिर मध्यप्रदेश में शराब की नई दुकानें और बार खोलने का फैसला किसके लिये किया है।
कांग्रेस का पलटवार :
शिवराज सिंह चौहान के इन बयानों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। उच्चशिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज जी जब मुख्यमंत्री थे और हम विपक्ष की भूमिका में, तब विधानसभा में उन्होंने मेरे प्रश्न के जवाब में कहा था कि शराबबंदी नहीं होना चाहिए। इसे लेकर उन्होंने10 देशों का जिक्र कर अपना तर्क दिया था। जीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सत्ता से बहार होते ही शराबबंदी की बात करने लगे,वे इस मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपना रहे हैं।
वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब आप सत्ता में थे तब तो शराबबंदी का वादा कर पलट गये। आपके मंत्री खुलेआम शराब का समर्थन करते रहे। प्रदेश में एक भी शराब की दुकान आपने कम नहीं की और अब आप आज विपक्ष में रहकर सिर्फ़ राजनैतिक नौटंकी कर रहे है। आपने भाषा अब संयमित नहीं रखी तो आपको कांग्रेस उसी शैली में जवाब देगी।