शहडोल-बांधवगढ़ मार्ग बंद
शहडोल कोनी होकर मानपुर और बांधवगढ़ को जोडऩे वाला मुख्य मार्ग बीती रात से ही बंद कर दिया गया। यहां मुडऩा नदी के उफान पर रहने के कारण पुल से पांच फीट ऊपर पानी बह रहा है। इसलिए लोगों को इधर से उधर और उधर से इधर आने के लिए अब लंबा इंतजार करना होगा। इस इंतजार की घड़ियां इन्हें जाम के बीच बितानी पड़ रही है। पुलिस ने ट्रैफिक की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी है। सुरक्षा के मद्देनजर पुल के दोनों तरफ पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
छह साल से बन रहा बड़ा पुल अब भी अधूरा
शहडोल से बांधवगढ़ जाने वाला रास्ता बारिश के इस मौसम में हमेशा ही बंद करना पड़ता है। इस पर यहां से हर रोज आवाजाही करने वाले लोगों में आक्रोश है। वे कई बार इसका विरोध जता चुके हैं। जानकारी के मुताबिक छह साल से बड़े पुल का काम चल रहा है, लेकिन पुल अब भी बनकर तैयार नहीं हुआ है। पुराने पुल पर पानी आने के कारण शहडोल से बांधवगढ़ जाने वाले यात्री और बांधवगढ़ से शहडोल की ओर आने वाले यात्री अब बीच में फंस गए हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि शहडोल से बांधवगढ़ जाने वाले मार्ग पर मुडऩा नदी उफान पर है, जिसकी वजह से एक नहीं बल्कि तीन-तीन गांवों के लोगों को शहडोल जाना नामुमकिन हो गया है। तो वहीं मानपुर की ओर जाने के लिए बसाड़ नदी उफान पर है। तीन गांव के लोग अपने ही गांव में रह गए हैं। इधर का कोई उधर फंसा है, तो उधर का कोइ इधर फंसा है। जब तक पानी पुल से नीचे नहीं उतरता, तब तक गांव के लोगों को पानी उतरने का इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि यह पहला मौका नहीं है। हर साल इसी तरह से जब दोनों ओर की नदियां उफान पर रहती हैं तो मेडकी, बकेली ओर बड़वाही गांव के लोग वहीं फंस जाते हैं। वे ना तो शहडोल आ पा रहे हैं और ना ही मानपुर की ओर जा पा रहे हैं। छह साल से बन रहा पुल अभी तक पूरा नहीं हुआ है, जिससे लोग और भी परेशान हैं।
उमरिया में जोहिला डैम के दो गेट खोले
बारिश का दौर जारी है। लगातार हो रही बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं। तो इधर जोहिला डैम में जल स्तर बढ़ गया है। जिसके बाद डैम के दो गेट खोले गए हैं। जोहिला डैम खुलते ही मनोहर दृश्य दिखाई देने लगा है। वहीं डैम के गेट खोलने से पहले ही प्रशासन ने डैम के निचले इलाके में बसे गांव में लोगों को पहले ही अलर्ट कर दिया है। उनसे कहा गया है कि डैम के आसपास न आए, वहीं नदी से भी दूर रहें। आपको बता दें कि उमरिया जिले में संजय गांधी ताप विद्युत गृह स्थापित है। यहां बिजली का उत्पादन होता है। बारिश के दिनों में बांध का जल स्तर बढऩे से डैम के गेट खोल दिए जाते हैं। डैम के गेट खुलते ही यहां का नजारा बेहद खूबसूरत हो जाता है। आसपास के लोगों की भीड़ यहां उमड़ पड़ती है। कुछ ऐसा ही नजारा बुधवार से बना हुआ है। यहां लोगों की भीड़ उमड़ रही है और इस खूबसूरत नजारे को देख आंखें तर कर रही है।