भोपाल. हाल ही में ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट बताती है कि सार्वजनिक जीवन में हमारे जिम्मेदार किस कदर समाज में वैमनस्य फैलाने में अव्वल हैं, गोयाकि ये रिपोर्ट विकास से संबंध रखती तो तस्वीर थोड़ा जुदा होती।
रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्रियों के खिलाफ राष्ट्रीय एकता को खतरे में डालने से लेकर सार्वजनिक स्थल पर अश्लीलता फैलाने तक के केस दर्ज हैं। यही नहीं, जिन पर सरकार चलाने का जिम्मा है, उनमें से ज्यादातर के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के केस तक चल रहे हैं।
हलफनामें में है जानकारी
ये जितने चौंकाने वाले तथ्य हैं, उतना ही सोचने पर भी मजबूर करते हैं। ये वो मामले हैं, जिनकी जानकारी खुद इन नेताओं ने अपने चुनावी हलफनामे में भी दी है, लिहाजा रिपोर्ट के गलत या फर्जी होने पर संदेह करने की कोई जरुरत महसूस नहीं होती।
34 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मुक़दमे दर्ज
‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ ने सभी राज्य विधानसभाओं के 609 मंत्रियों के शपथ-पत्रों का विश्लेषण किया। इनमें से 210 यानी 34 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। केंद्र सरकार में शामिल 78 मंत्रियों में से 24 (31 प्रतिशत) ने यह स्वीकारा है।
केंद्र के 14 मंत्रियों पर सीरियस क्रिमिनल केस दर्ज
राज्य सरकारों के 113 (19 फीसदी) और केंद्र के 14 (18 फीसदी) मंत्रियों ने स्वीकार किया है कि उनके खिलाफ सीरियस क्रिमिनल केस दर्ज हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध शामिल हैं।
5 मंत्रियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले
मध्यप्रदेश की बात करें तो इस राज्य की स्थिति भी दूसरों से जुदा नहीं। मध्यप्रदेश के 30 में से नौ मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक प्रकरण और पांच ने गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज होना स्वीकारा है।
फग्गन सिंह कुलस्ते: दंगा भड़काने पर हुआ मुकदमा
मंडला लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले फग्गन सिंह कुलस्ते केंद्र सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री हैं। कुलस्ते ने अपने चुनावी शपथ-पत्र में जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक उनके खिलाफ थाना निवास और डिंडोरी में कुल सात केस दर्ज हैं। इनमें दो सीरियस क्रिमिनल केस हैं। कुलस्ते के खिलाफ दंगा भड़काने (धारा 148), अवैध रूप से किसी को रोककर रखना (धारा 341) और जानबूझकर चोट पह़ुंचाना (धारा 323) के प्रकरण दर्ज हैं। इसके अलावा उनके खिलाफ ऑब्सीन एक्ट एंड सॉंन्गस (धारा 294) का भी केस दर्ज है। यह सार्वजनिक स्थल पर अश्लीलता से संबंधित है।
नरेंद्र सिंह तोमर: शासकीय आदेश की अवज्ञा
केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद सिंह तोमर के खिलाफ धारा 188 (स्पेशल रेलवे मजिस्ट्रेट ग्वालियर) के तहत केस दर्ज है। यह शासकीय सेवक के आदेश की अवज्ञा से संबंधित है।
एमजे अकबर: मानहानि के मुक़दमे
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के खिलाफ दिल्ली पटियाला हाउस और कौंतल पश्चिम बंगाल की अदालतों में मानहानि के केस विचाराधीन हैं।
जयभान सिंह पवैया: भड़काऊ भाषण और शासकीय कार्य में बाधा
मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया के खिलाफ दो समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाने और सांप्रदायिक सद्भाव को क्षति पहुंचाने से लेकर डकैती तक के मामले हैं। उनके खिलाफ पूजास्थल को अपत्रित्र करना, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना, राष्ट्रीय एकता को हानि पहुंचाने वाले कार्य, भड़काऊ भाषण और शासकीय सेवक को ड्यूटी से रोकने के आरोप हैं। स्पेशल सेशन कोर्ट लखनऊ में चार्ज फ्रेम लिए जा चुके हैं।
रुस्तम सिंह: महिला पर क्रूरता
मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रुस्तम सिंह के खिलाफ दो केस दर्ज हैं। इनमें हरियाणा के यमुना नगर थाने में धारा (498 ए) के तहत दर्ज मामला गंभीर है। यह पति और पति के रिश्तेदारों द्वारा किसी महिला पर क्रूरता से संबंधित है। इसके अलावा मुरैना सिटी कोतवाली में उनके खिलाफ शासकीय सेवक को ड्यूटी से रोकना और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज है।
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