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पहली महिला राज्यपाल, इनके कड़क शासन से घबरा गया था प्रदेश

पॉलीटिकल किस्सों की श्रंखला में पेश है मध्यप्रदेश की पहली महिला राज्यपाल सरला ग्रेवाल से जुड़े दिलचस्प किस्से…।

भोपालJan 29, 2022 / 09:23 am

Manish Gite

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भोपाल। एक महिला राज्यपाल के शासन के आगे पूरा प्रदेश घबराने लगा था। राज्य के नेता और अफसर के माथे पर लकीरें खिंच गई थीं। आज भी इस महिला राज्यपाल को याद किया जाता है, उनके कड़े शासन के कारण ही कई अभियान मुकाम पर पहुंचे थे।

मध्यप्रदेश की पहली महिला राज्यपाल सरला ग्रेवाल की पुण्य तिथि पर patrika.com पर पेश है कुछ किस्से..।

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यह प्रश्न कई बार पूछा जाता है कि मध्यप्रदेश की पहली महिला राज्यपाल कौन थीं। हर कोई जानता भी है कि पहली राज्यपाल सरला ग्रेवाल थीं। ग्रेवाल 31 मार्च 1989 से 6 फरवरी 1990 तक प्रदेश की गवर्नर रहीं।

उनके कड़े एडमिनिस्ट्रेशन के कारण उनके कई अभियान मुकाम पा सके। उनके अभियानों की वजह से उन्हें आज भी याद किया जाता है। राजधानी की धरोहरों को साफ-सुथरा रखने और तालाबों को संरक्षित करने का उनका अभियान उन्हें छेड़ा था और यह अभियान रंग लाया। वो पूरे राज्य में जल संरक्षण का अभियान बन चुका था। सरोवर हमारी धरोहर नाम से चलाए गए अभियान को लोगों ने काफी सराहा और सहयोग भी किया।

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पहली महिला राज्यपाल सरला ग्रेवाल

1. भारतीय प्रशासनिक सेवा में भारत की दूसरी महिला अधिकारी (IAS) थीं।
2. ग्रेवाल 1956 में शिमला की डिप्टी कमिश्नर बनाई गई थीं। वे देश में इस पद पर दायित्व निभाने वाली पहली महिला अधिकारी थीं।
3. 1962 में शिक्षा संचालक बनने वाली पहली IAS अफसर भी थीं।
4. 1963 में पंजाब में स्वास्थ्य विभाग की सचिव नियुक्त हुई थीं। विकास आयुक्त के रूप में 1971 से 1974 तक काम किया था।
5. मध्य प्रदेश के राज्यपाल पद पर 31 मार्च 1989 से 5 फ़रवरी 1990 तक कार्य किया।
6. ऑनर्स में ग्रेजुएट की उपाधि के बाद दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर में पंजाब विश्वविद्यालय की टॉपर थीं।

 

यह भी जानना जरूरी

जब देश में नया कानून लागू हुआ और महिलाओं को भी आईएएस और आईपीएस में शामिल होने के लिए पात्र घोषित किया गया तो सबसे पहली महिला IAS अफसर बनने वाली अन्ना राजम मल्होत्रा थीं। एर्नाकुलम में जन्मी अन्ना 1951 बैच की महाराष्ट्र से अधिकारी थीं। इसी तरह 1972 में देश की पहली IPS अधिकारी किरण बेदी बनी थीं। जबकि देश की दूसरी आइएएस सरला ग्रेवाल थीं।

यह भी है खास

– 10 अगस्त 1981 को वे समाज कल्याण मंत्रालय की सचिव बनीं।
– ग्रेवाल ने अक्टूबर 1981 में न्यूयॉर्क में यूनीसेफ़ एक्जीक्यूटिव बोर्ड के विशेष सत्र में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वे 1982-1983 सत्र में यूनीसेफ़ एक्जीक्यूटिव बोर्ड की कार्यक्रम समिति की अध्यक्ष चुनी गईं थीं।
– सरला महिला साक्षरता कार्यक्रम में उनकी भूमिका आज भी याद की जाती है। वे यूनेस्को की शिक्षा सलाहकार समिति में व्यक्तिगत हैसियत से प्रतिनिधि चुनी गई थीं।
-25 सितम्बर 1985 को सरला ग्रेवाल प्रधानमंत्री की सचिव नियुक्त बनीं। इसके बाद वे मध्य प्रदेश की राज्यपाल बनाई गईं।
-सरला का जन्म 4 अक्टूबर 1927 को चंडीगढ़ में हुआ था।
-29 जनवरी 2002 को चंडीगढ़ में सरला ने अंतिम सांस ली थी।

 

यह भी है है पहली महिलाएं

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