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तेज़ी से फैल रहा है जानलेवा स्क्रब टाइफस, ऐसे पहचाने लक्षण और करें उपचार

जुएं के आकार का दिखने वाला ये कीट आमतौर पर झाड़ीदार या नमी वाले इलाकों में पाया जाता है। शौधकर्ताओं ने इसे रिकेटसिया कीट नाम दिया गया है, जिसके काटने से स्क्रब टाइफस के जर्म्स चमड़ी के सहारे शरीर में चले जाते हैं।

भोपालSep 05, 2019 / 05:34 pm

Faiz

तेज़ी से फैल रहा है जानलेवा स्क्रब टाइफस, ऐसे पहचाने लक्षण और करें उपचार

भोपाल/ मध्य प्रदेश समेत देशभर में बारिश का सिलसिला जारी है। जहां एक तरफ बारिश से जलापूर्ति हो रही है, वहीं दूसरी तरफ इसके कारण कई जानलेवा बीमारियां भी सक्रीय हो रहीं हैं। इन्हीं में से एक है स्क्रब टाइफस। बारिश के कारण हरियाली, जलभराव, गंदगी में जूं के आकार के रिकेटसिया कीट उत्पन्न हो रहे हैं। ये कीट इतने जहरीले हैं कि, इनके काटने से स्क्रब टाइफस नामक जानलेवा बुखार काफी तेज़ी से फैल रहा है। इसे जानलेवा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि अब तक इससे निपटने के लिए पर्याप्त उपचार नहीं हैं। हैरानी की बात ये है कि, इससे ग्रस्त लोगों की पुष्टी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल, इंदौर, रतलाम और मंदसौर जैसे शहरों में भी हो चुकी है। इस बुखार का जाल देशभर में काफी तेज़ी से फैल रहा है।

ऐसे होता है स्क्रब टाइफस

चिकित्सकों के मुताबिक, जुएं के आकार का दिखने वाला ये कीट आमतौर पर झाड़ीदार या नमी वाले इलाकों में पाया जाता है। शौधकर्ताओं ने इसे रिकेटसिया कीट नाम दिया गया है, जिसके काटने से स्क्रब टाइफस के जर्म्स चमड़ी के सहारे शरीर में चले जाते हैं। जिस स्थान पर ये कीट काटता है वहां फफोलेनुमा काली पपड़ी का निशान पड़ जाता है, जो कुछ ही समय में घाव बन जाता है। स्क्रब टाइफस की चपेट में आए व्यक्ति को 104 डिग्री सेल्सियस तक बुखार जा पहुंचता है, जो मौजूदा किसी भी दवाई से कंट्रोल में नहीं आता। बुखार आने के दौरान व्यक्ति को कंपकंपी के साथ जोड़ों में दर्द और शरीर में टूटन होने लगती है। शरीर ऐंठने लगता है। बाजू, हाथ, गर्दन में गिल्टियां पड़ जाती हैं। शुरुआत में ही इन लक्षणों को पहचानकर इसपर नियंत्रण किया जा सकता है, लेकिन अगर ये बीमारी पूरी तरह शरीर में फैल जाए, तो इससे निपटना ना मुमकिन हो जाता है, क्योंकि अब तक इसका कोई पर्याप्त इलाज या दवा नहीं बनी है। लेकिन, इसके लक्षणों को पहचानकर शुरुआत में ही इसे घरेलू चीजों से भी ठीक किया जा सकता है।

 

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सुटसुगमूशी या शिगर-बोर्न टाइफस से भी होती है पहचान

प्रामाणिक स्वास्थ्य जानकारी का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले नेशनल हेल्थ पोर्टल के मुताबिक, स्क्रब टायफस एक एक्यूट बुख़ार वाला संक्रामक रोग है, जो ओरिएंटिया (पूर्व में रिकेट्सिया) सुटसुगमूशी (Tsutsugamushi) का कारण है। इसे सुटसुगमूशी (Tsutsugamushi) रोग या शिगर-बोर्न टाइफस के नाम से भी जाना जाता है। यह एक जूनोटिक रोग है, जो कि आर्थ्रोपोड वेक्टर ट्रॉम्बिकुलीड माइट द्वारा संचारित होता है। सरकारी पोर्टल में लिखित रिपोर्ट के मुताबिक, कई भारतीय हिस्सों में स्क्रब टायफस की पुष्टी हुई है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-नागालैंड से लेकर उप-हिमालयी पट्टी में स्थित क्षेत्रों में इसका प्रकोप है। हालांकि, ये पहली बार नहीं है कि, लोगों को इस समस्या से जूझना पड़ रहा है। इससे पहले साल 2003-2004 और 2007 के दौरान भी हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) में स्क्रब टाइफ़स का काफी प्रकोप था। ये रोग खासतौर पर बरसात और ठंड के दिनों में काफी तेज़ी से फैलता है।

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स्क्रब टाइफस से बचने का घरेलू उपचार

-दूध और हल्दी

इस बीमारी में कैल्शियम की कमी हो जाती है साथ ही, रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी तेजी से कम होती है, जिसे नियंत्रित रखने के लिए कम से कम दिन में दो बार एक गिलास दूध में एक से दो छोटे चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पीना फायदेमंद होता है।

 

-मेथी का सेवन

मेथी की पत्ती या पाउडर को एंटी बैक्टीरियल माना जाता है। रोज़ाना दिन में एक बार इसे पानी के साथ पीने से रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

 

-एप्सम साल्ट और नीम

सेंधा नमक और नीम में शरीर के रक्त में मौजूद जर्म्स से लड़ने की क्षमता मिलती है। इसे आप एक कप पानी में एक चुटकी एप्सम साल्ट और आधा चम्मच नीम पाउडर मिलाकर पी सकते हैं। साथ ही, रोगी को एक बाल्टी में दो चम्मच सेंधा नमक को नीम में उबालकर स्नान भी किया जा सकता है। इससे चमड़ी के जर्म्स से मुक्ति मिलेगी।


इन बातों का रखें ध्यान

-घर के आसपास गंदा पानी, कचरा, नमी बनने वाली चीजें ना रहने दें। साथ ही, बारिश के दौरान लंबे समय तक कपड़े खुले स्थान पर सूखने के लिए ना डालें। लंबे समय तक इन कपड़ों के गीले रहने से इनमें रिकेटसिया कीट आ सकता है, जो कपड़ों में रहकर हमें नुकसान पहुंचा सकता है।

 

-अब तक ज्यादातर जांच में स्क्रब टाइफस के कीट घास और गंदगी में मिले हैं। इसलिए अगर आपके घर में हरियाली है, तो उसकी नियमित सफाई करते रहें और कीट नाषक भी छिड़कें। गर के आसपास भी ऐसी हरियाली और गंदगी काफी समय से बनी है, तो तुरंत नगर प्रशासन को सूचित करके कीटनाशक दवा का छिड़काव कराएं।

 

-स्क्रब टाइफस का कीट शरीर के किसी भी अंग पर काट सकता है, इसलिए खासतौर पर बारिश या सर्दी के सीज़न में वो ही कपड़े पहनें, जिससे शरीर ज्यादा से ज्यादा ढंक सके। घर से निकलते समय मोजे और जूते पहनकर निकले।



-खबर में बताए गए लक्षणों या किसी तेज़ बुखार होने की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श करें और संभव हो तो जांच भी कराएं।

 


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