पढ़ें ये खास खबर- ग्वालियर में सिंधिया का विरोध : काफिले के सामने आाकर NSUI कार्यकर्ताओं सौंपा ज्ञापन और बेशर्म के फूल, कार के कांच चढ़ाकर निकले सिंधिया
बैठक में इन मंत्रालयों पर हुई चर्चा
भाजपा की आलाकमान का हिस्सा और सिंधिया के समर्थक माने जाने वाले नेता का हवाला देते हुए कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भी इस बात का दावा किया जा रहा है कि, सिंधिया को मोदी कैबिनेट में रेलवे की कमान दी जा सकती है। हालांकि उन्हें शहरी विकास या मानव संसाधन जैसे अहम मंत्रालय देने पर भी चर्चा हुई है। ये बात तो सभी जानते हैं कि,कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुए सिंधिया को 15 माह बीत चुके हैं। अब भाजपा की ओर से उनसे किये वादे की पासदारी की जा रही है। शुक्रवार को पार्टी के आाला नेताओं की बैठक के बाद से ही इस बात की चर्चाएं दिल्ली से लेकर मध्य प्रदेश तक की जा रही हैं।
मनमोहन सरकार में बनी थी एक्टिव मंत्री की छवि
जानकारों का मानना है कि मोदी ज्योतिरादित्य को कैबिनेट मंत्री बनाएंगे। इसकी वजह यह है कि मनमोहन सरकार में भी उन्होंने अपने कामों के चलते एक एक्टिव मंत्री की छवि बनाई थी। इस बार वो टीम मोदी का हिस्सा रहकर अपनी जिम्मेदारी का प्रदर्शन करेंगे। उनकी इन्हीं क्षमताओं के चलते प्रस्तावित फेरबदल में उन्हें जिम्मेदारी दिये जाने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
भाजपा का फोकस नई लीडरशिप पर
सूत्रों की मानें, तो भाजपा का फोकस अब पार्टी में यूथ लीडरशिप को डेवलप करना है। इसे ध्यान में रखते हुए मोदी मंत्रिमंडल में मध्यप्रदेश कोटे से ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, ओडिशा के बैजयंत पांडा, महाराष्ट्र से देवेंद्र फडनवीस सहित कई युवा चेहरों को मौका मिल सकता है।
पढ़ें ये खास खबर- पूर्व CM दिग्विजय सिंह बोले- कांग्रेस आई तो जम्मू कश्मीर में लगी धारा 370 हटा देंगे, शिवराज के मंत्री ने बताया- ‘देशद्रोह’
पहले कार्यकाल में 6 माह में और दूसरे कार्यकाल में 57 मंत्रियों के साथ ली शपथ थी
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल 6 महीने में ही कैबिनेट का विस्तार कर दिया गया था। इस दौरान मंत्रियों की संख्या 45 से बढ़ाकर 66 की गई थी। इसके बाद सरकार के 2 साल पूरे होने के कुछ महीने बाद ही जुलाई 2016 में मोदी ने फिर कैबिनेट में फेरबदल कर मंत्रियों की संख्या बढ़ाकर 78 कर दी थी। इसके एक साल बाद भी उन्होंने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया था। वहीं, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान 30 मई 2019 को 57 मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन, मौजूदा समय में उनकी टीम में 53 मंत्री ही हैं। दो मंत्री रामविलास पासवान और सुरेश अंगाड़ी का निधन हो चुका है, जबकि दो कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल और अरविंद सावंत इस्तीफा दे चुके हैं।
कोरोना वैक्सीन से जुड़े हर सवाल का जवाब – जानें इस वीडियो में