दरअसल चुनावों से पहले पार्टियों में तोड़फोड़ की घटनाएं आम मानी जाती हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव में हार के बाद से भाजपा लोकसभा चुनावों में अपनी पूरी ताकत समेट कर लड़ने के लिए तैयार है।
ऐसे में भाजपा के अंदर ही विधानसभा चुनावों के दौरान पैदा हुई नाराजगी शांत होने का नाम नहीं ले रही है। इसी के चलते कई भाजपाइयों ने भाजपा को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है।
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सूत्रों के अनुसार भाजपा अपनी लोकसभा तैयारियों के तहत कांग्रेस के सिंधिया सहित बड़े नेताओं को घेरने का अभी प्लान ही बना रही थी कि इससे पहले ही कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा पर एक ऐसा तीखा प्रहार किया है कि भाजपा तिलमिला गई है।
दरअसल सिंधिया ने अशोकनगर, गुना और शिवपुरी क्षेत्र के भाजपा नेताओं को कांग्रेस में शामिल कराया। वे इनको लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे।
इसमें भाजपा के पूर्व विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी और राजकुमार यादव शामिल हैं। इनके अलावा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मलकीत सिंह संधु व पूर्व जिला पंचायत सदस्य अमरजीत कौर के साथ चार सरपंच व चार पूर्व सरपंच भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। दोनों पूर्व विधायक व संधु भाजपा से विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं मिलने से नाराज थे।
इधर,सीएम के चेंबर में सिंधिया और सीएस…
वहीं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने मंत्रालय पहुंचे। उन्होंने लोकसभा चुनाव के पहले ग्वालियर-गुना संसदीय क्षेत्र के विकास को लेकर मॉडल प्रोजेक्ट पेश किया।
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दोनों के बीच करीब एक घंटे तक वन-टू-वन चर्चा हुई। दोनों में राजनीतिक विमर्श भी हुआ। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आठ फरवरी से प्रस्तावित प्रदेश दौरे को लेकर भी चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने सिंधिया के क्षेत्र की विकास की स्थिति समझी और मुख्य सचिव एसआर मोहंती को बुलाकर ग्वालियर-चंबल के अटके हुए सभी प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूरा करवाने के निर्देश दिए, इसके बाद रवाना हो गए। फिर सीएम चेंबर में सिंधिया और मोहंती के बीच करीब एक घंटे बात हुई।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सिंधिया चाहते हैं कि उनके क्षेत्र में विकास कार्य तेजी से हो। वे ग्वालियर, गुना और शिवपुरी के अफसरों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने आए थे। कमलनाथ ने पूरी स्थिति समझी। इसके बाद मोहंती के साथ बैठकर रूपरेखा बनाने के लिए कहा था।
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
चंबल एक्सप्रेस-वे, शिवपुरी जलापूर्ति योजना, ग्वालियर जलापूर्ति योजना, चंदेरी को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने, ग्वालियर में डीआरडीओ के लिए जमीन, गुना स्टेडियम के लिए जमीन का उपयोग बदलने और सड़क निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क निधि का उपयोग
करने सहित अन्य रुके हुए कामों पर चर्चा हुई।