बता दें कि इससे भी पहले भोपाल जिला कलेक्टर की ओर से 7 मार्च को आदेश जारी किए गए थे। जिसमें अगर कोई भी स्कूल तीन साल के अंदर यूनिफॉर्म बदलता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही विद्यार्थियों को किसी एक निश्चित दुकान से किताब यूनिफार्म पर खरीदने के लिए भी दबाव नहीं डाला जा सकता है। इस आदेश के बाद से निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के निर्देश भी दिए गए थे।
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वहीं अब अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में निजी पब्लिशर्स की किताबों को भी बदल दिया जा रहा है। प्राइवेट पब्लिशर्स की एक भी किताब 150 से कम की नहीं है, जबकि एनसीईआरटी की किताबें लागू नहीं होने से 250 रूपये के बुक सेट के लिए हर साल अभिभावकों को 6000रूपये तक खर्च करना पड़ रहा है।
मध्य प्रदेश के शासकीय स्कूल में इस साल शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। इस मामले में संभागीय संयुक्त संचालक जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस भी जारी किया गया है। संभागीय संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी और प्राचार्य को नोटिस जारी कर कहा गया है कि ९वीं और 10वीं के छात्रों को क्रीड़ा शुल्क अब 60 के बजाय 120 रूपये और कक्षा 11वीं 12वीं के छात्रों को एक सौ के बजाय 200 रूपये वसूले जाएंगे। वही स्काउट गाइड शुल्क 9वीं-10वीं के लिए छात्रों को 10 की वजह 30 और 11वीं-12वीं के छात्रों को 50 वसूले जाएंगे।
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