कक्षा 6वीं से 8वीं तक के स्टूडेंट्स बिना कापी-किताब और बस्ते के स्कूल आएंगे और फिजिकल एक्टिविटी में हिस्सा लेंगे। इस दौरान स्कूल में सांस्कृतिक, साहित्यिक और व्यावहारिक गतिविधियां कराई जाएंगी। ताकि, उनका व्यक्तित्व विकास हो सके। इस संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र ने जिला शिक्षाधिकारियों और जिला परियोजना समन्वयक को निर्देश जारी किये हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग ने लिया निर्णय
एमपी में बच्चों का समग्र विकास हो, इसके लिये बैगलेस-डे के दिन बच्चों को विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करने का निर्णय स्कूल शिक्षा विभाग ने लिया है। इस दिन बच्चों को कई अन्य गतिविधियां क्रॉफ्ट, ड्राइंग, पेंटिंग, मिट्टी के खिलौनों का निर्माण, मुखौटे, डॉल-मेकिंग और अनुपयोगी सामग्री से वस्तुओं का निर्माण शामिल है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में यह प्रावधान रखा गया है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे 21वीं सदी के कौशल से परिचित हो सकें, इसके लिये कक्षा-6 से 8 तक के स्कूल के बच्चों के लिये प्रत्येक माह में न्यूनतम एक शनिवार को बस्ते-विहीन दिवस का आयोजन हो। इन दिवसों में विद्यार्थियों को व्यावहारिक कौशल की जानकारी दी जाये।