रायसेन में है सोमेश्वर मंदिर
राजधानी भोपाल से 45 किमी दूर स्थित रायसेन (Raisen) का किला (Fort) इतिहास की अनूठी कहानी कहता है। 11वीं शताब्दी के आस-पास बने इस किले पर कुल 14 बार कई मुगल शासकों और राजाओं ने हमले किए। तोपों और गोलों की मार झेलने के बाद भी आज तक यह किला सीना तानकर खड़ा है। किले की इस प्राचीर के पास ही पहाड़ी पर एक प्राचीन शिवालय है सोमेश्वर धाम मंदिर(Someshwar Dham Temple)। इतिहासकारों के अनुसार रायसेन का किला (Raisen Fort) एक हजार ईसा पूर्व बनवाया गया था। तब आक्रमणकारियों ने इस प्राचीन शिव मंदिर (Ancient Shiv Temple) सोमेश्वर धाम मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया था।
साल में एक बार खुलता है मंदिर
ये सोमेश्वर मंदिर इस किले के परिसर में ही स्थापित है। ये मंदिर साल में केवल एक दिन महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन ही खुलता है। बाकी 364 दिन इस शिव मंदिर के पट बंद करके उन पर ताले लटका दिए जाते हैं। सोमेश्वर धाम मंदिर के प्रति आसपास के श्रद्धालुओं में गहरी आस्था है।एक दिन ही क्यों खुलता है मंदिर
जानकार बताते हैं कि यह मंदिर साल 1947 के बाद से ही बंद है। कई लोगों का मानना है कि मंदिर और मस्जिद विवाद के चलते इस मंदिर में ताला लगा दिया गया है। ताकि समुदायों के बीच रिश्ता और सौहाद्र न बिगड़े। इसलिए साल में केवल एक ही दिन महाशिवरात्रि पर इस मंदिर में पूजा-अर्चना की अनुमति दी जाती है।
मंदिर खुलवाने लोग कर चुके हैं आंदोलन
वहीं कुछ जानकार ये भी बताते हैं कि यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन हो जाने के बाद ताले में बंद कर दिया गया था। 1974 में नगर के लोगों ने एकजुट होकर मंदिर खोलने और यहां स्थित शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए आंदोलन किया था। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाशचंद्र सेठी ने महाशिवरात्रि पर खुद आकर शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा कराई थी। तब से केवल एक दिन हर महाशिवरात्रि पर मंदिर के ताले खोल दिए जाते हैं। तब यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। एक विशाल मेला भी लगता है। ये भी पढ़ें: Sawan Somwar 2024: महाकाल मंदिर जाने वाले कहां करें पार्किंग, किस गेट से मिलेगी एंट्री