भोपाल @ पत्रिका. मप्र राज्य सड़क परिवहन निगम की करीब 5 हजार करोड़ रुपए की संपत्तियां प्रदेश में खुर्द-बुर्द होने की स्थिति में है। अकेले राजधानी में ही सपनि की 15 एकड़ क्षेत्र में 10 से अधिक संपत्तियां हैं। इनमें गेस्ट हाउस, आवास डिपो, कार्यशाला और बस स्टैंड आदि बने हैं। पत्रिका टीम ने जब पड़ताल की तो सामने आया कि अब इन पर कहीं अतिक्रमण है तो कहीं इन्हें किराए पर उठा दिया है।
ये भी बदहाल
सपनि मुख्यालय की जर्जर इमारत से अब राजनीतिजवाहर चौक पर सपनि का बस स्टैंड होता था। आधा एकड़ की यह प्राइम लोकेशन अब यह जगह स्मार्ट सिटी के हवाले है। यहीं सपनि का डिपो और कर्मशाला भी थी। जहां वर्तमान में बीसीएलएल की बसें खड़ी हो रही हैं।
- हबीबगंज नाके पर सड़क परिवहन निगम का एक और बस स्टैंड था। यहां अब कबाडिय़ों का कब्जा है। इस बेशकीमती जमीन तक फिलहाल मेट्रो निर्माण की वजह से पहुंचना मुश्किल है।
- बैरागढ़ में सपनि की कर्मशाला और संभागीय मुख्यालय में अब शॉपिंग कॉम्पलेक्स
- अरेरा कॉलोनी, सुभाष नगर व पांच नंबर बस स्टॉप पर सपनि के आवासीय भवन। इनमें से अधिकांश जर्जर, कुछ पर रिटायर्ड कर्मचारियों का कब्जा
प्राइम लोकेशन पर जमीनें
हबीबगंज में प्राइम लोकेशन की एक एकड़ जमीन पर कभी सड़क परिवहन निगम का मुख्यालय था। अब यहां मानसरोवर कॉम्प्लेक्स सहित प्रदेश भाजपा का कार्यालय है। निगम मुख्यालय की ज्यादातर बिल्डिंग जर्जर हैं, लेकिन आरटीओ आफिस में भाजपा का प्रदेश मुख्यालय है, यहां पार्टी के नेता बैठते हैं। परिसर में कई जगह कबाड़ वाहन पार्क हैं। इमारत के एक हिस्से में सड़क परिवहन निगम का एक छोटा आफिस है। इसमें अब भी कुछ कर्मचारी बैठते हैं। इसी परिसर में सपनि का ग्रामीण डिपो और बसों की धुलाई के लिए प्लांट था, जो अब कबाड़ की स्थिति में है। सपनि के बस स्टैंड, डिपो, कर्मशाला और मकान हैं। मुख्यालय और डिपो की जमीन बीजेपी के कब्जे में है। इसे पार्टी ने लीज पर लिया है। जबकि तमाम संपत्तियां जर्जर और लावारिस पड़ी हैं। कुर्क के बाद देखरेख करने वाला कोई नहीं है।
श्याम सुंदर शर्मा, अध्यक्ष सड़क परिवहन निगम कर्मचारी संघ