शुरू किया ऑनलाइन कैंपेन
समाजसेवी संदीप शिवहरे गरीबों को खाना आदि खिलाने के लिए ऑनलाइन कैंपेन शुरू किया है इस ऑनलाइन कैंपेन के माध्यम से लोग संदीप शिवहरे की मदद भी कर रहे है। वैसे तो संदीप IIM Rohtak से MBA स्नातक हैं। और दिल्ली के एक कंपनी मेें इंजीनियर भी है। संदीप शिवहरे बताते है कि देश में जब पुलवामा हमला हुआ था तब उन्होंने देश की सेवा करने की ठान ली।
32 लाख रुपए दिए
संदीप शिवहरे पुलवामा हमले में शहीद हुए लोगों के परिवारों को आर्थिक मदद के लिए ऑनलाइन कैंपेन शुरू किया और 32 लाख रुपए ऑनलाइन कैंपेन के माध्यम से इक्ठ्ठा कर सीआरपीएफ के डीजीपी को सौप दिए थे जिससे की शहीद के परिवारों की मदद की जा सके।
150 लोगों को भोजन करवा रहे उपलब्ध
संदीप शिवहरे ऑनलाइन कैंपेन और अपने दोस्तों के मदद से लगभग 60 हजार रु इकट्ठा किए है। संदीप प्रतिदिन लगभग 150 लोगों को एक समय का भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं जोकि पूरे लॉकडाउन के समय तक जारी रखने की कोशिश करेंगे। संदीप का कहना है कि इस लॉकडाउन के समय देश का कोई भी व्यक्ति भूखा न सोये। इस लिए हम इन लोगों की मदद कर रहे ताकि ये लोग भी रात को आराम से सो सके और अपने परिवार के साथ स्वस्थ रह सके।
21 दिन तक अपने परिवार को पेट पाल सकें
संदीप कहते हैं कि इस मुश्किल समय मे अधिकतर लोग अपने घरों के अंदर ही हैं और अपना काम स्वयं कर रहे हैं। लेकिन इससे सबसे ज्यादा प्रभावित देश के असंगठित क्षेत्र और मलीन बस्तियों में रहने वाले लोग है जिनमें दिहाड़ी मजदूर, घरों में काम करने वाले, सफाईकर्मी, गॉर्ड, सीमांत कृषक, भवन निर्माण श्रमिक इत्यादि हैं जिनके पास न तो अब कमाई का कोई साधन है और न ही इतना पैसा/राशन जिससे वे अपना परिवार 21 दिन तक चला सकें।
ज़रूरतमंदो की कर रहे मदद
संदीप मिसरोद पुलिस थाना के 5 किलोमीटर के दायरे के लोगों को भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं जिसमें आशिमा मॉल, जाटखेड़ी, अभिनव पैलेस होटल के पास की झुग्गी, शीतल हाइट्स के पास निर्माण स्थल के मजदूर, सुरेंद्र लैंडमार्क, शनि मंदिर, नट बाबा मंदिर, कुछ नगर निगम में सफाई कर्मियों के परिवार और 11 मील की झुग्गी के आस पास के ज़रूरतमंद लोग हैं।
पुलिस भी करती है मदद
लोगों की मदद के लिए संदीप ने मिसरोद थाना से गाड़ी के आवागमन का पास लिया और एक विक्रेता इन्हें किफायती दाम में भोजन उपलब्ध करवा रहा है। स्थानीय पुलिस ज़रूरतमंदों की पहचान करने और उनका पता बताने में मदद करती है।
सोशल डिस्टेनसिंग का पालन
संदीप बताते है कि खाना बांटने के दौरान उनके सामने कुछ बहुत मार्मिक पल आये। कुछ लोगों ने एक दिन से खाना नहीं खाया था। कुछ ने बोला कि अब नवदुर्गा और रामनवमी में वे भूखे नहीं रहेंगे। कुछ लोगों को उनके मालिक ने पैसे देने से मना का दिए थे जिससे उनके पास खाने को कुछ भी नहीं था। पहले लोग भोजन लेने के लिए एक साथ दौड़ कर आते थे, लेकिन अब बाकायदा लाइन लगाकर आते हैं जिससे सोशल डिस्टेनसिंग बनी रहती है।
मदद कर सकते है
संदीप ने आम लोगों से भी इसमें जुड़ने की अपील की है। वे कहते हैं कि बहुत सारे लोग धन से मदद करना चाहते हैं लेकिन संक्रमण के डर से बाहर जाकर खाना नहीं बांटना चाहते, इसीलिए यदि कोई व्यक्ति ज़रूरतमंद गरीब व दिहाड़ी मज़दूरों की मदद करना चाहते हैं, तो वो उनकी ऑनलाइन कैंपेन के माध्यम से मदद कर सकते है।