इस फोर टू सिक्स लेन हाईवे के बनने से भोपाल और सागर के बीच की दूरी 25 किलोमीटर कम हो जाएगी। ये सड़क भोपाल-लखनऊ इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा है और आने वाले दो सालों में इसे बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
अंतिम दौर में है काम
बीते दिनों पहले चरण में उत्तर प्रदेश के कानपुर से करबई तक 112 किमी का नेशनल हाइवे लगभग बन चुका है और इसका काम अंतिम दौर में है। अगर बात दूसरे चरण की करें तो करबई से सागर तक 223 किलोमीटर का होगा। ये फोर-टू सिक्सलेन हाइवे होगा, जिसका काम भी तेजी से चल रहा है। तीसरे चरण में सागर से एमपी की राजधानी भोपाल तक 150 किमी का फोरलेन बनाया जाएगा।
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इस हाइवे का काम पूरा होने के बाद सागर से भोपाल की दूरी महज 163 किमी रह जाएगी। भोपाल-सागर के बीच की दूरी 25 किमी कम हो जाएगी। बता दें कि 600 किमी लंबे इस हाइवे को बनाने में करीब 11 हजार 300 करोड़ रु की लागत लग रही है।
भोपाल-लखनऊ इकोनॉमिक कॉरिडोर के कारण भोपाल-रायसेन-सागर नेशनल हाइवे 146 को फोरलेन किया जाएगा। साथ ही एमपी में मार्ग छतरपुर के सतई घाट से उत्तर प्रदेश के कैमाहा तक सड़क बनाई जाएगी, जहां से करीब 165 किमी दूर कानपुर को जोड़ा जाएगा। जनवरी 2023 में, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस इकॉनामिक कॉरिडोर की घोषणा की थी।
2026 तक पूरा होगा यह कॉरिडोर
आज भोपाल से कानपुर की दूरी करीब 550 किमी है। एनएचआई (NHAI) अधिकारियों ने बताया कि नए कॉरिडोर में यह दूरी लगभग 526 किमी होगी। 2026 तक कॉरिडोर को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।