भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए साध्वी ने कहा कि उन्होंने मुझे मालेगांव ब्लास्ट केस में फंसाया था। इस दौरान मैंने उन्हें बताया था कि तुम्हारा सर्वनाश हो जाएगा, वो अपने कर्मों की वजह से मरे हैं। साध्वी ने यह भी कहा कि हेमंत ने मेरे साथ काफी गलत व्यवहार किया था। साथ ही साध्वी का यह भी आरोप है कि मुझे वह तरह-तरह की यातनाएं देते थे। इस केस में वे मुझे गलत तरीके से फंसाए थे।
साध्वी ने कहा कि वे मैंने करकरे को बोला था कि तेरा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जिस दिन मैं गई थी उस दिन इसके सूतक लग गया था। और ठीक सवा महीने में जिस दिन आतंकवादियों ने इसको मारा, उस दिन उसका अंत हुआ। इतना कहने के बाद साध्वी के पीछे बैठे उनके समर्थक ताली बजाने लगे।
वहीं, साध्वी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी लोग उनपर निशाना साध रहे हैं। साथ ही कह रहे हैं कि ये शहीद का अपमान है। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने भी साध्वी को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है।
कौन हैं हेमंत करकरे
दरअसल, मुंबई में आतंकवादी हमले में एटीएस चीफ हेमंत करकरे आतंकवादियों की गोली के शिकार हो गए थे। साथ ही वह मालेगांव सीरियल ब्लास्ट की जांच भी कर रहे थे। करकरे 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। महाराष्ट्र के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर के बाद इनको एटीएस चीफ बनाया गया था। वहीं, हेमंत की शहादत को सलाम करते हुए भारत सरकार ने मरणोपरांत उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया था।
दरअसल, मुंबई में आतंकवादी हमले में एटीएस चीफ हेमंत करकरे आतंकवादियों की गोली के शिकार हो गए थे। साथ ही वह मालेगांव सीरियल ब्लास्ट की जांच भी कर रहे थे। करकरे 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। महाराष्ट्र के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर के बाद इनको एटीएस चीफ बनाया गया था। वहीं, हेमंत की शहादत को सलाम करते हुए भारत सरकार ने मरणोपरांत उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया था।
गौरतलब है कि उम्मीदवारी के बाद से ही साध्वी विवादों में हैं। मालेगांव ब्लास्ट के एक पीड़ित के पिता ने भी एनआईए कोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें साध्वी के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की है।