भोपाल

ग्रामीण विकास बैंक के अधिकारियों को 3-3 साल की कैद

सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक के अधिकारियों और फर्जी तरीके से जमीन की खरीदारी करने वाले क्रेता को कोर्ट ने तीन-तीन साल की सजा सुनाई है।

भोपालJun 10, 2024 / 01:10 pm

Rohit verma

Rural Development Bank officials sentenced to 3 years imprisonment

भ्रष्टाचार और जालसाजी के मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा

भोपाल. सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक के अधिकारियों और फर्जी तरीके से जमीन की खरीदारी करने वाले क्रेता को कोर्ट ने तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि विशेष न्यायालय मनोज कुमार सिंह ने जिला सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक के अधिकारियों को सजा सुनाई है। इनमें तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक मुखरैया, प्रबंधक विनोद देवल, विक्रय अधिकारी विजेंद्र कौशल, सहकारिता निरीक्षक एपीएस कुशवाहा एवं फर्जीे क्रेता परमजीत बेदी शामिल हैं। कोर्ट ने दोष सिद्ध पाते हुए सभी आरोपियों को 10 हजार का जुर्माना और 3 साल की सजा सुनाई है।

लोकायुक्त में की गई थी शिकायत

ग्राम बगौनिया, कल्याणपुर गांव के लोगों ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी। इसमें जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक भोपाल के अधिकारियों ने ग्राम बरखेड़ा नाथू रातीबड़ में बैंक अधिनियम 1999 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए लोन वसूली नहीं की थी। इसके बाद चल-अचल संपत्ति से ऋण वसूली के लिए बैंक अधिकारियों द्वारा नियम एवं शर्तों को अपनाए बिना कम दाम में ग्राम बरखेड़ा नाथू रातीबड़ की करीब 2.61 एकड़ भूमि मात्र 50 हजार रुपए में परमजीत बैदी को नीलाम कर दिया था।

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