भोपाल

एमपी में 77 हजार पद खत्म कर रही सरकार, वित्त विभाग का शेड्यूल जारी होते ही मच गया बवाल

Ruckus over Finance Department’s schedule in MP मध्यप्रदेश में वित्त विभाग का एक शेड्यूल जारी होते ही सरकारी हल्कों में बवाल मच गया है।

भोपालNov 23, 2024 / 08:45 pm

deepak deewan

finance letter

मध्यप्रदेश में वित्त विभाग का एक शेड्यूल जारी होते ही सरकारी हल्कों में बवाल मच गया है। राज्य के अधिकारी, कर्मचारी संगठन सरकार के विरोध में खड़े हो गए हैं। कर्मचारी संगठनों ने आरोप लगाया है कि सरकार प्रदेश में हजारों नियमित पद खत्म करने की कोशिश कर रही है। दरअसल प्रदेश में आउटसोर्स पर कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया चालू की गई है जिसका खुलकर विरोध किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और सरकारी वाहन चालकों के खाली पदों पर भर्ती के लिए आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति की पहल की। प्रदेश के वित्त विभाग ने इसके लिए शेड्यूल भी जारी कर दिया। वित्त विभाग का शेड्यूल जारी होते ही कर्मचारी, अधिकारी संगठनों ने हंगामा कर दिया।
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कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस फैसले की खिलाफत करते हुए गुस्सा जताया है। संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि कई कैडर पहले ही खत्म किए जा चुके हैं। अब चतुर्थ श्रेणी और वाहन चालकों के नियमित पदों को भी खत्म किया जा रहा है। संगठनों ने सरकार पर आउटसोर्स पर कर्मचारी उपलब्ध कराने वाली प्राइवेट कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह निर्णय लेने का भी आरोप लगाया।
बता दें कि प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी के 62 हजार और वाहन चालकों के 15 हजार नियमित पद हैं। आउटसोर्स से भर्ती से ये सभी 77 हजार नियमित पद खत्म हो जाएंगे। यही कारण है कि सरकार के निर्णय का एक दर्जन से ज्यादा कर्मचारी संगठनों ने व्यापक विरोध शुरू कर दिया है। मप्र कर्मचारी मंच ने मंत्रालय के सामने आदेश की प्रतिलिपियां जलाई। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने भी इसका विरोध किया है।
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मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी ने सभी सरकारी रिक्त पदों पर नियमित भर्ती की मांग की है। उनका कहना है कि कहीं आउटसोर्स की ही जरूरत है तो उनकी भी सरकारी एजेंसी से ही भर्ती कराई जानी चाहिए। ​द्विवेदी ने प्राइवेट आउटसोर्स एजेंसियों पर कर्मचारियों के शोषण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कंपनियां कर्मचारियों को पर्याप्त वेतन तक नहीं देती हैं।

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