दरअसल, कैबिनेट की बैठक के दौरान प्रद्युमन सिंह अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान सीएम कमलनाथ ने कहा कि इन बातों को छोड़ों और आगे बढ़ों। इसके बाद मंत्री प्रद्युमन सिंह अड़ गए और कहने लगे कि आगे कैसे बढ़े। इस पर बात होनी चाहिए। फिर प्रद्युमन सिंह इसे मुद्दा बनाकर सीएम के सामने ऊंची आवाज में बात करने लगे।
इसे भी पढ़ें: शिवराज के ‘गुस्से’ को कमलनाथ ने किया ‘शांत’, आदिवासियों को लेकर सरकार पर थे ‘फायर’ ऊंची आवाज में नहीं करते हैं बात प्रद्युमन सिंह तोमर को ऊंची आवाज में बात करते देख पीएचईडी मंत्री सुखदेव पांसे ने उन्हें टोका। सुखदेव पांसे ने प्रद्युमन सिंह से कहा कि ये कौन तरीका है, सीएम से बात करने का। सीएम से ऊंची आवाज में बात नहीं करते हैं। इसके बाद भी प्रद्युमन सिंह नहीं रुके। फिर दूसरे मंत्रियों ने भी उन्हें टोका तो वो मीटिंग छोड़कर जाने लगे।
इसे भी पढ़ें: कर्ज के सहारे कमलनाथ सरकार, 6 महीने में अभी तक 9,600 करोड़ रुपए ले चुकी है उधार सज्जन सिंह वर्मा ने टोका बाद में मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी प्रद्युमन सिंह को कहा कि ऐसे बात नहीं की जाती है। लेकिन वे अपना गुस्सा सीएम पर निकालते रहे। थोड़ी देर के लिए कैबिनेट मीटिंग में हंगामा होता रहा। कमलनाथ सरकार बनने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि सीएम से ही मंत्री भिड़ गए।
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प्रद्युमन सिंह के हंगामे के देखते हुए सीएम कमलनाथ ने भी उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई। सीएम ने कहा कि मुझे मालूम है कि ये कहां से कंट्रोल हो रहे हैं और किसने कहने पर ये सब कर रहे हैं। बाद में सभी मंत्रियों ने प्रद्युमन सिंह को शांत करवाया तो जाकर वो शांत से बैठे।
प्रद्युमन सिंह के हंगामे के देखते हुए सीएम कमलनाथ ने भी उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई। सीएम ने कहा कि मुझे मालूम है कि ये कहां से कंट्रोल हो रहे हैं और किसने कहने पर ये सब कर रहे हैं। बाद में सभी मंत्रियों ने प्रद्युमन सिंह को शांत करवाया तो जाकर वो शांत से बैठे।
सिंधिया के करीबी हैं प्रद्युमन
दरअसल, मंत्री प्रद्युमन सिंह ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी हैं। इस मीटिंग के दौरान भी सिंधिया खेमे के सभी मंत्री एक तरफ थे। कमलनाथ ने भी अपनी बातों से उन्हीं के तरफ इशारा किया था। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कमलनाथ सीएम बनाए जाने के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है। इसकी झलक आज सरकार में भी दिखी।
दरअसल, मंत्री प्रद्युमन सिंह ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी हैं। इस मीटिंग के दौरान भी सिंधिया खेमे के सभी मंत्री एक तरफ थे। कमलनाथ ने भी अपनी बातों से उन्हीं के तरफ इशारा किया था। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कमलनाथ सीएम बनाए जाने के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है। इसकी झलक आज सरकार में भी दिखी।