पैरों में खड़े भी नहीं हो पाती
रूबिना फ्रांसिस अपने पैरों से ठीक से खड़ी नहीं हो पाती हैं, उन्हें चलने में बहुत दिक्कत होती है। रूबिना फ्रांसिस के पिता साइकिल रिपेरिंग की दुकान थी। घर का खर्च इसी दुकान के माध्यम से चलता था। 2014 में उन्होंने शूटिंग में कैरियर बनाने का फैसला किया। लेकिन अतिक्रमण विभाग ने ग्वारीघाट स्थिति उनके पिता की दुकान को तोड़ दिया गया जिसके बाद उनके पास फीस भरने के पैसे नहीं थे और उन्हें शूटिंग एकडेमी छोड़नी पड़ी थी। उनके बाद उन्होंने भोपाल में स्पोर्टस शूटिंग कैंप में हिस्सा लिया। इसके बाद वो इंटरनेशनल लेवर में भारत के लिए खेल चुकी हैं। रूबिना फ्रांसिस मध्यप्रदेश के जबलपुर की रहने वाली हैं।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वालीं रूबीना दोनों पैरों से निशक्त हैं, जिन्हें 2017 में मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी के लिए चयनित किया गया था। रूबीना भारत में निशक्त खिलाड़ियों में पहली रैंकिंग पर हैं। जिसके बाद उनका चयन भारत सरकार की टारगेट ओलिम्पिक पोडियम योजना के तहत किया गया था। इस योजना के तहत देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को 50 हज़ार रु प्रति माह छात्रवृत्ति दी जाती है।
दिल्ली में प्रशिक्षण शिविर में हुईं थी शामिल
वर्ल्ड कप में रूबिना बालिका वर्ग की पैरा 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी। वे वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा दिल्ली में 20 जुलाई तक आयोजित राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेंगी। रूबिना ने वर्ष 2017 में बैंकॉक में वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्टस वर्ल्ड कप में भारत का प्रतिनिधित्व कर स्वर्ण पदक हासिल किया था। उन्होंने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 15 स्वर्ण और 2 रजत पदक जीते हैं। वर्ष 2017 से राज्य शूटिंग अकादमी में शूटिंग की बारीकियां सीख रही हैं।