भोपाल

संघ प्रमुख मोहन भागवत और योगी आदित्यनाथ एक साथ नजर आएंगे, खुफिया तंत्र सक्रिय

मध्यप्रदेश में होने वाले हैं बड़े धार्मिक आयोजन…। पुलिस प्रशासन से लेकर खूफिया तंत्र भी सक्रिय…।

भोपालApr 11, 2023 / 11:49 am

Manish Gite

भोपाल। मध्यप्रदेश में 18 अप्रैल को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ एक मंच पर नजर आएंगे। दोनों ही दिग्गज संत समागम में हिस्सा लेने आ रहे हैं। इसमें देशभर के संत-महात्मा शामिल हो रहे हैं। इतने बड़े धार्मिक आयोजन को देखते हुए सनातन धर्म महासभा से लेकर जिला प्रसासन और खूफिया तंद्र भी सक्रिय हो गया है।

 


मध्यप्रदेश के जबलपुर में 18 अप्रैल को होने वाले संत समागम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के सरसंघचालक का संबोधन होगा। दोनों ही दिग्गज श्यामदास महाराज की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसी दिन डा. स्वामी श्यामदास महाराज की दूसरी पुण्यतिथि है। इस दौरान नरसिंह मंदिर परिसर में 12 से 18 अप्रैल तक श्रीरामकथा का आयोजन होने जा रहा है। इस दौरान संत समागम, श्रीरामाचार्य महायज्ञ अवदेव आराधन का भी आयोजन हो रहा है। इस आयोजन में देशभर के कई बड़े संत महात्मा भी हिस्सा लेने के लिए जबलपुर पहुंचेंगे। इस आयोजन को लेकर सनातन धर्म महासभा से लेकर जिला प्रसासन के अधिकारियों ने भी तैयारी तेज कर दी है। दोनों दिग्गजों की सुरक्षा के लिए भी पुलिस प्रशासन और पुलिस का खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है।

 

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत सोमवार को समापन समारोह में शामिल होंगे। इस धार्मिक आयोजन में दोनों ही दिग्गज श्री विग्रह का अनावरण भी करेंगे।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत संघचालक प्रदीप दुबे के मुताबिक सोमवार को नरसिंह मंदिर के सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में मोहन भागवत का संबोधन भी होगा। इसी आयोजन में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसलिए भी आ रहे हैं क्योंकि गुरू अवैद्यनाथ के साथ डॉ. श्यामदास महाराज के प्रगाढ़ संबध थे और अवैद्यनाथ योगी आदित्यनाथ के गुरू थे और उनके बाद अब योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के गोरखनाथ पीठ के महंत भी हैं।

 

दो दिन पहले बुरहानपुर में

इससे दो दिन पहले 16 अप्रैल को सरसंघ चालक डा. मोहन भागवत के बुरहानपुर जिले के प्रवास का भी कार्यक्रम है। वे गोविंद महाराज समाधि का लोकार्पण करेंगे। साथ ही ताप्ती नदी के किारे रामदरबार प्रतिमा की स्थापना भी करेंगे। उल्लेखनीय है कि आरएसएस ने 1933 में अपनी पहली शाखा यहीं से शुरू की थी, जिसे लेकर आरएसएस और बीजेपी नेताओं ने तैयारियां तेज कर दी हैं। माना जा रहा है कि वे खंडवा और बुरहानपुर के संतों के साथ मीटिंग करेंगे और धर्म-संस्कृति सभा को भी संबोधित करेंगे।

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