दृष्टिबाधितों के लिए हॉस्टल बनाने में पैसों की कमी आ रही थी. ऐसे में इस नेक काम के लिए परिवार के 42 सदस्यों ने मिलकर 45 लाख रुपए जुटा लिए. 45 लाख जुटाने वालों में उनके परिवार के राज, श्यामलता, रॉबिन, जयोति, रीना, राजेश, कृष्णा, कुमकुम, कुणाल,आनंद, आशा, नेल-श्रुती समेत 42 छोटे-बड़े सदस्य शामिल हैं।
शहर के पहले महापौर रह चुके हैं प्रसिद्ध सर्जन डॉ. आरके बिसारिया
डॉ. आरके बिसारिया, प्रसिद्ध सर्जन और शहर के पहले महापौर रह चुके हैं। उन्होंने लम्बे समय तक भेल के कस्तूरबा अस्पताल में सेवाएं दीं। उन्होंने बताया कि वे सेवानिवृत्ति के बाद अमेरिका गए। वहां उनके परिवार ने दृष्टिबाधितों की मदद का लक्ष्य बनाया, क्योंकि दृष्टिबाधितों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
छात्रावास भवन निर्माण के लिए आर्थिक मदद देकर हमें संकट से उबारा
नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड चैप्टर भोपाल के अध्यक्ष उदय हतवलने बताते हैं कि जब हम छात्रावास भवन निर्माण के पहले आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे तब बिसारिया परिवार के सदस्यों ने 45 लाख रुपए की बड़ी राशि हमें दी। इससे बिसारिया परिसर बना, जिसमें आज दो दर्जन से अधिक दृष्टिबाधित रहकर अध्ययन कर रहे हैं।