इसलिए पैदा हुई यह दिक्कत
बावडिय़ा रेलवे फाटक पर ट्रैफिक की दिक्कत दूर करने ओवरब्रिज बनाया गया। ब्रिज को टी आकार में होशंगाबाद रोड पर निकाला गया। बीआरटीएस की सर्विस रोड के साथ मिक्सलेन को भी तोड़ा गया। नर्मदा लाइन भी थी, जिसे यहीं नीचे की ओर शिफ्ट किया गया। एक तरफ ब्रिज की 40 फीट की दीवार और दूसरी ओर बीआरटीएस की रैलिंग का बेस आने से पानी यहीं ठहर गया। लगातार बारिश के साथ पानी भी बढा और यहां 100 मीटर लंबाई में पानी का तालाब बन गया।
पानी निकलने की जगह भी बंद
होशंगाबाद रोड पर 30 मीटर चौड़े बीआरटीएस कॉरिडोर की जल निकासी व्यवस्था खत्म हो गई है। जल निकासी का कोई भी रास्ता नहीं बचा है, जबकि मिसरोद से बैरागढ़ के बीच 22 किमी कॉरिडोर बनाने पर 400 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई थी।
बावडिय़ा रेलवे फाटक पर ट्रैफिक की दिक्कत दूर करने ओवरब्रिज बनाया गया। ब्रिज को टी आकार में होशंगाबाद रोड पर निकाला गया। बीआरटीएस की सर्विस रोड के साथ मिक्सलेन को भी तोड़ा गया। नर्मदा लाइन भी थी, जिसे यहीं नीचे की ओर शिफ्ट किया गया। एक तरफ ब्रिज की 40 फीट की दीवार और दूसरी ओर बीआरटीएस की रैलिंग का बेस आने से पानी यहीं ठहर गया। लगातार बारिश के साथ पानी भी बढा और यहां 100 मीटर लंबाई में पानी का तालाब बन गया।
पानी निकलने की जगह भी बंद
होशंगाबाद रोड पर 30 मीटर चौड़े बीआरटीएस कॉरिडोर की जल निकासी व्यवस्था खत्म हो गई है। जल निकासी का कोई भी रास्ता नहीं बचा है, जबकि मिसरोद से बैरागढ़ के बीच 22 किमी कॉरिडोर बनाने पर 400 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई थी।
दोषियों पर कार्रवाई करेंगे
ये मामला संज्ञान में आया था। इसे हम दिखा रहे हैं। यहां जल निकासी क्यों नहीं हो रही, उसका कारण दिखाकर जलनिकासी सुनिश्चित कराई जाएगी। संबंधितों से सवाल जवाब कर जरूरी हुआ तो कार्रवाई करेंगे।
कविंद्र कियावत, संभागायुक्त और ननि प्रशासक
ये मामला संज्ञान में आया था। इसे हम दिखा रहे हैं। यहां जल निकासी क्यों नहीं हो रही, उसका कारण दिखाकर जलनिकासी सुनिश्चित कराई जाएगी। संबंधितों से सवाल जवाब कर जरूरी हुआ तो कार्रवाई करेंगे।
कविंद्र कियावत, संभागायुक्त और ननि प्रशासक