वह बताती हैं कि सेंट्रल लायब्रेरी के पीछे वाले इस इलाके से सटा एक मैदान है, जहां शाम ढलते ही नशा करने वाले और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है। ऐसे में पूरी तरह अंधेरे में आधा किलोमीटर के हिस्से को स्कूटी से तो पार किया जा सकता है, लेकिन युवतियों के लिए पैदल निकल पाना बहुत कठिन होता है। इस सड़क पर स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए नगर निगम से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक पर शिकायत की गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। शिकायतें करते हुए आठ महीने बीत चुके हैं, लेकिन इस पूरी गली में एक भी स्ट्रीट लाइट चालू नहीं हो सकी है।
क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि शाम को अंधेरा होने के चलते यहां असामाजिक तत्वों की हरकत तो बढ़ी ही है, कई बार घर के बाहरी हिस्से में रखे सामान भी चोरी चले गए। इसकी शिकायत स्थानीय स्तर पर नेताओं से लेकर अधिकारियों तक से की गई, पर कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है। हमारी मांग है कि इस संबंध में जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।