इस संबंध में हृदय रोग के विशेषज्ञों का मानना है कि, कोरोना के दौर में बिगड़ी जीवनशैली और संक्रमण के बाद का दुष्प्रभाव भी हार्ट अटैक का एक कारण हो सकता है। क्योंकि कोरोना के बाद कई लोगों के शरीर में सी- रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) मार्कर का स्तर लंबे समय तक बढ़ा रहा। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ सतर्कता को ध्यान में रखते हुए इस समस्या से दूरी बनाकर रखी जा सकती है।
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इन बातों का रखें ध्यान
-नियमित ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्राल की जांच आवश्यक।
-खानपान का ध्यान रखना चाहिए।
– एकदम से मेहनत वाला काम अचानक शुरू नहीं करना चाहिए।
– जिम में भारी व्यायाम करने से बचें।
– सिगरेट और शराब के सेवन से जितना हो सकें दूर रहना जरूरी है।
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ठंड में सिकुड़ जाती हैं नसें
ठंड के मौसम में नसें ज्यादा सिकुड़ती हैं। इससे नसों में गर्मी लाने के लिए हार्ट ज्यादा तेजी से काम करता है, जिससे नस गर्म और एक्टिव रह सके। इससे ब्लड का फ्लो बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में जिन्हें पहले से ही दिल की बीमारी है या जिन्हें पहले भी हार्ट अटैक हो चुका है, उनके लिए ज्यादा ठंड जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए जितना हो सके शरीर को गर्म रखने के लिए अच्छे से गरम कपड़े पहनकर रखें।
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यह बोलते है विशेषज्ञ
भाेपाल में स्थित जेपी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ.राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि, ज्यादातर हार्ट अटैक के मामले आराम की अवस्था में नहीं आते। इसका कारण अधिक क्रोध, सदमा, आदत नहीं होने के बावजूद अचानक भारी काम करना है। कोरोना के दौर में घर में रहकर अधिक खाना, शारीरिक मेहनत और व्यायाम नहीं करने से हाइपरटेंशन शुगर बढ़ने की समस्या बढ़ती है। हार्ट अटैक कि स्थिति सिगरेट और अल्कोहल का सेवन करने वालों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।
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