सदर मंजिल नवाबी दौर की इमारत है। तत्कालीन नवाब शाहजहाँ बेगम ने वर्ष 1898 में इसका निर्माण कराया गया था। यह इमारत रियासत काल में दरबार हाल थी। बाद में यहां भोपाल म्युनिसिपल बोर्ड और फिर भोपाल नगर निगम का मुख्यालय बना हुआ था। जर्जर होने के कगार पर खड़ी इस इमारत का रेनोवेशन का काम हो रहा है। इस प्रोजेक्ट में शहर की इंजीनियरिंग संस्था डी-ऑटो जो की इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों में इंटरनेशनल और नाटीओनल प्रोजेक्ट्स पर काम करती है, से तकनीकी विषयों पर विचार विमर्श कर डिज़ाइन का पहलु भी देखा जायेगा। वर्तमान में इमारत में विभिन्न प्रकार के कार्य किये जा रहे हैं, इसमें इमारत से निकली लखोरी ईटों से टूटी हुई जगह को भर दिया जाता है। इससे बिल्डिंग के नष्ट हुए भाग दोबारा मजबूत हो जाते हैं। जहां पर इमारत की छत में लगे लोहे या लकड़ी के गार्डर नष्ट हो रहे हैं, वहां नए गार्डर पर काम चल रहा है। इमारत को दुरुस्त करने के लिए चूना, पाउडर, जूट, मैथी, सुर्खी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
नेचरल केमिकल की मदद से रीनोवेशन