ये सवाल जिनके जवाब वे चाहते हैं – सवाल – 31 मार्च को रिटायर हो रहे अधिकारियों को दफ्तर आना जरूरी है, क्योंकि उनके उपस्थित होने का नियम है?
– चूंकि लॉक डाउन है, सरकार ने कर्मचारियों को घर पर बैठने का निर्देश दिया है, इसलिए उन्हें दफ्तर आने की जरूरत नहीं है। सभी की उपस्थिति दर्ज हो रही है, उन्हें भी उपस्थित माना जाएगा।
– चूंकि लॉक डाउन है, सरकार ने कर्मचारियों को घर पर बैठने का निर्देश दिया है, इसलिए उन्हें दफ्तर आने की जरूरत नहीं है। सभी की उपस्थिति दर्ज हो रही है, उन्हें भी उपस्थित माना जाएगा।
सवाल – लॉक डाउन है, इसलिए सरकारी कर्मचारियों की सेलरी कैसे मिलेगी। ट्रेजरी में हर विभाग से डॉक्यमेंट फिलिकली जाता है। इस बार क्या व्यवस्था रहेगी? टीए बिल व अन्य भुगतान कैसे होंगे? – लॉक डाउन के बावजूद भी सरकारी दफ्तरों में काम-काज हो रहा है। चूंकि वित्त वर्ष और माह के अंत में वित्त विभाग और ट्रेजरी के अधिकारी-कर्मचारियों की अधिक जरूरत होती है, इसलिए ये कर्मचारी काम पर उपस्थित हो रहे हैं, इसलिए वेतन इत्यादि की कोई दिक्कत नहीं आएगी। भुगतान ऑनलाइन होने के कारण काम-काज और आसान हो गया है। मेडिकल और टीए बिल इत्यादि के भुगतान की व्यवस्था भी ऑनलाइन है।
सवाल – कोई सामान्य रूप से बीमार हो जाता है तो सरकारी, निजी अस्पतालों में इलाज की क्या व्यवस्था है? क्या वे लॉक डाउन के समय अस्पताल जा सकते हैं? इसके लिए कोई पास लेना पड़ेगा? पास इश्यू कौन करेगा? उससे कैसे संपर्क करें?
– बीमार व्यक्ति को इलाज के अस्पताल जाने के लिए कोई रोक नहीं है। राज्य शासन के स्पष्ट निर्देश हैं ऐसे व्यक्तियों को न रोका जाए। यदि कोई मरीज अस्पताल में भर्ती है और उसकी देखरेख के लिए परिजनों को हर रोज अस्पताल जाना जरूरी है तो अस्पताल की पहल पर संबंधित थान क्षेत्र से उसका पास इश्यू होगा।
– बीमार व्यक्ति को इलाज के अस्पताल जाने के लिए कोई रोक नहीं है। राज्य शासन के स्पष्ट निर्देश हैं ऐसे व्यक्तियों को न रोका जाए। यदि कोई मरीज अस्पताल में भर्ती है और उसकी देखरेख के लिए परिजनों को हर रोज अस्पताल जाना जरूरी है तो अस्पताल की पहल पर संबंधित थान क्षेत्र से उसका पास इश्यू होगा।