मंत्री पद से इस्तीफा 6 माह का कार्यकाल पूरा होने के बाद स्वीकार किया गया। इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया के अलावा एदल सिंह कंषाना उप चुनाव हार गए थे। कंषाना ने तो चुनाव हारने के 48 घंटे बाद ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जबकि दंडोतिया ने 9 दिन और इमरती देवी ने सिंधिया से मुलाकात करने के बाद 24 नंवबर को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सरकार ने कंषाना का इस्तीफा 27 नंवबर को स्वीकार कर लिया था, लेकिन सिंधिया समर्थक दोनों मंत्रियों के इस्तीफे पर कोई निर्णय नही लिया था। अब कैबिनेट विस्तार से पहले दोनों के इस्तीफे मंजूर किए गए। दोनों ने 6 माह का कार्यकाल पूरा किया।
बता दें कि उपचुनाव में इमरती देवी अपने रिश्तेदार सुरेश राजे से 7 हजार से ज्यादा वोट से हार गईं थी। इमरती देवी बयान दिया था कि वे चुनाव हारने के बाद भी मंत्री बनी रहेंगी। इसी तरह दंडोतिया दिमनी से चुनाव लड़े थे। उन्हें कांग्रेस के रविंद्र सिंह तोमर ने 23 हजार वोट से हराया।