- पीडब्ल्यूडी और प्रशासन से जारी हुए नोटिस, तीन दिन में मकान-दुकान हटाने की चेतावनी दी
- 110 दुकानें और 500 से अधिक घर प्रभावित हो रही
मोती नगर के रहवासी व दुकानदारों ने अपने घर-दुकान बचाने सोमवार को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रमसिंह से मुलाकात की। रहवासियों- दुकानदारों ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर मोती नगर विस्थापन का प्लान बनाने की मांग की, ताकि किसी का घर व व्यवसाय बर्बाद न हो। गौरतलब है कि सुभाष ब्रिज की थर्ड लेग के लिए मोती नगर के घर और दुकान हटाए जा रहे हैं। हाल में प्रशासन निगम की टीम कार्रवाई के लिए पहुंची थी, जिसमें काफी हंगामा हुआ था।
पीडब्ल्यूडी निर्माण एजेंसी, वह हटाने के नोटिस कैसे दे सकती है?
- यहां रहवासियों ने कलेक्टर के सामने सवाल उठाया कि घरों को जारी नोटिस पीडब्ल्यूडी ने किए हैं, जबकि दुकानों को राजस्व की ओर से नोटिस मिले। पीडब्ल्यूडी निर्माण एजेंसी है और किसी जगह को खाली कराने खुद नोटिस नहीं दे सकती। ऐसे में नोटिस की वैधता पर भी सवाल उठाए।
- रहवासियों ने कलेक्टर से चर्चा में बताया कि राजस्व के नोटिस में अभी पांच दिसंबर तक खुद अपना निर्माण हटाने का कहा गया था। एक दूसरे नोटिस में 12 नवंबर 2024 की दिनांक अंकित है। इसमें भी खुद ही अपना निर्माण हटाने की बात लिखी है। रहवासियों ने यहां प्रशासन को बताया कि सुभाष ब्रिज से सुभाष विश्रामघाट तक थर्ड लेग की डिजाइन पहले मोती नगर के सामने की ओर थी, लेकिन बाद में डिजाइन मोती नगर की दुकान और मकान पर ही कर दी। कलेक्टर ने इसपर एक बार चर्चा कर उचित निर्णय का आश्वासन दिया।
हमने प्रशासन को अपनी बात बताई। जब वल्लभ नगर, भीम नगर स्लम विस्थापन का प्लान बनाया जा सकता है तो यहां के लिए योजना बनना चाहिए।