राज्य सरकार ने हाल ही में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया गया। यही नहीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू कर दी गई। इसके बाद से राज्य स्तरीय रोस्टर में बदलाव किए जाने के लिए मंथन शुरू हुआ। सामान्य प्रशासन विभाग ने इन दोनों वर्गों को शामिल करते हुए नया रोस्टर लागू करने के आदेश जारी कर दिए। इस संबंध में सभी विभागों को निर्देश जारी कर कहा गया है कि नई नियुक्तियों में इसी को आधार माना जाए।
अनारक्षित प्रथम और ओबीसी दूसरे क्रम में पर –
100 बिन्दु नए रोस्टर में सबसे पहले अनारक्षित वर्ग और दूसरे क्रम में ओबीसी, तीसरे में अनुसूचित जन जाति और चौथे क्रम में अनारक्षित वर्ग को शामिल किया गया है। इसके बाद अनुसूचित जाति और नवें क्रम में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को शामिल किया गया है। मॉडल रोस्टर के साथ सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को प्रोफार्मा देते हुए निर्देश दिए हैं कि उन्हें इसी क्रम में अधिकारी-कर्मचारियों के नामों की सूची तैयार करना है। विभाग को सभी कॉलम भरना होंगे। इससे एक नजर में पता चल सकेगा कि किस विभाग में किस वर्ग के कितने पद रिक्त है। बैकलॉग सहित अन्य पदों की गणना और नियुक्ति में भी आसानी होगी।
1998 की आरक्षण व्यवस्था में बदलाव –
राज्य में अभी तक वर्ष 1998 में लागू आरक्षण व्यवस्था लागू थी। इस व्यवस्था में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत ही था। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को इसमें शामिल नहीं था। अब 11 साल बाद इस व्यवस्था में बदलाव किया गया है।
अनुसूचित जाति वर्ग- 16 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग – 20 प्रतिशत
अन्य पिछड़ा वर्ग – 27 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग – 10 प्रतिशत
—- 100 बिन्दु मॉडल रोस्टर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में होने वाली नई नियुक्ति के लिए लागू होगा। इसके लिए विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए है।