आपको बता दें कि, जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित खजूरी कलां गांव के रहने वाले किसान मिश्रीलाल का कहना है कि, हरी भिंडी के मुकाबले लाल भंडी की फसल पूरी तरह तैयार होने में करीब 40 से 45 दिन का समय लगता है। मिश्रीलाल को लाल भिंडी की खेती करने की प्रेरणा कहां से मिली, इसपर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, कुछ समय पहले वो बनारस के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वेजिटेबल रिसर्च सेंटर गए थे। वहां उन्हें लाल भिंडी की खेती करने की जानकारी ली। खेती का सही तरीका सीखने के बाद उन्होंने वहीं से एक किलो बीज लिया और जुलाई के पहले सप्ताह में इसे करीब 17 हजार स्क्वायर फीट जमीन में रोप दिया। अब उनकी फसल पूरी तरह तैयार हो चुकी है।
लाल भिंडी में नहीं लगते कीड़े
मिश्रीलाल के अनुसार, एक एकड़ जमीन पर कम से कम 40 से 50 क्विंटल और ज्यादा से ज्यादा 70 से 80 क्विंटल लाल भिंडी की खेती की जा सकती है। एक पौधे में 50 से अधिक भिंडी आती हैं। इस भिंडी की खासियत ये है कि, इसमें रेशे नहीं पाए जाते। साथ ही, इसमें कीड़े भी नहीं लगते।
हरी भिंडी के मुकाबले 10 गुना महंगी है लाल भिंडी
मिश्रीलाल के अनुसार, एक एकड़ जमीन पर कम से कम 40 से 50 क्विंटल और ज्यादा से ज्यादा 70 से 80 क्विंटल लाल भिंडी की खेती की जा सकती है। एक पौधे में 50 से अधिक भिंडी आती हैं। इस भिंडी की खासियत ये है कि, इसमें रेशे नहीं पाए जाते। साथ ही, इसमें कीड़े भी नहीं लगते।
गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चें के लिये वरदान साबित हो सकती है लाल भिंडी
वैसे तो, हरी भिंडी में भी कई स्वास्थ लाभ होते हैं, लेकिन लाल भिंडी को स्वास्थ्य के लिए ये बेहद फायदेमंद मानी जाती है। राजधानी के एक अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. रुपम अरोरा के अनुसार, इसमें फोलिक पाए जाने के कारण गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। फोलिक एसिड शरीर में नए रेड ब्लड सेल यानी लाल रक्त कोशिकाओं को बनाता है। फोलिक एसिड गर्भावस्था में फायदेमंद है, क्योंकि ये भ्रूण के मस्तिष्क के विकास में मददगार होता है।
लाल भिंडी के अन्य फायदे
इसके अलावा, लाल भिंडी ह्रदय रोग, मोटापा और डायबिटीज को कंट्रोल में रखने का भी बढ़िया स्त्रोत है। लाल भिंडी में मौजूद आयरन, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट तत्व इसे हार्ट के लिए उपयोगी बना रहे हैं। औषधीय गुणों से भरपूर लाल भिंडी सेहत के मामले में किसी रामबाण से कम नहीं है।
दूसरे किसान भी लगातार कर रहे संपर्क
मिश्रीलाल के अनुसार, मध्य प्रदेश के अलावा हरियाणा, पुणे और राजस्थान के किसान भी इस फसल की जानकारी लेने के लिए उनसे संपर्क कर रहे हैं। पुणे के एक व्यापारी ने भिंडी के लिए 200 रुपए प्रति किलो का ऑफर तक दिया है। हालांकि, उनका कहना है कि, फिलहाल, उनके पास अभी इतने माल की पैदावार हो ही नहीं पा रही, कि वो सुचारू सप्लाई जारी रख सकें।
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