पंडित सुनील शर्मा के अनुसार आज एक ओर बड़ी घटना होने जा रही है, जिसके चलते आज रात में बुध का मकर राशि में प्रवेश होगा।
पंडित शर्मा के अनुसार बुध स्वभाविक रूप से एक सौम्य ग्रह है, जिसे वैदिक ज्योतिष में ग्रहों में राजकुमार की संज्ञा दी गई है।
इसी के अनुसार जो ग्रह बुध के साथ जैसा संबंध बनाता है वैसा ही फल उसे बुध ग्रह देता है। अर्थात शुभ ग्रहों के साथ स्थित होने पर अथवा संबंध बनाने पर शुभ फल तथा अशुभ ग्रहों के साथ संबंध बनाने पर अशुभ फलों को बुध प्रदान करता है।
राशियों के साथ मित्रता…
मिथुन और कन्या राशि पर इस का प्रभाव आधिपत्य माना जाता है और कन्या राशि में ही यह उच्च का होता है। इसके विपरीत मीन राशि में यह नीच अवस्था में स्थित माना जाता है।
यह व्यापार का मुख्य कारक ग्रह माना जाता है। बुध से प्रभावित जातक बोलने की कला में माहिर होते हैं और अपनी उम्र से कुछ कम उम्र के दिखाई देते हैं। इनमें कुछ चंचलता भी होती है और क्योंकि बुध त्वचा का भी कारक ग्रह है इसलिए जन्म कुंडली में बुध के प्रभावित होने पर त्वचा संबंधित रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
उच्च बुध का असर – यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है, तो ऐसे जातक की संवाद शैली कुशल होती है। वह हाज़िर जवाबी होने के साथ ही अपनी बातों से सबको मोह लेता है।
उचित ग्रहों से दृष्ट यानि ताकतवर बुध व्यक्ति को कुशाग्र बुद्धि का बनाता है। वह गणित विषय में अच्छा होता है। ऐसे जातक वाणिज्य और क़ारोबार में भी व्यक्ति सफल होता है।
पीड़ित बुध का असर – यदि जन्म कुंडली में बुध ग्रह पर क्रूर या पापी ग्रहों की दृष्टि हो तो यह जातक के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से समस्या कारक होता है।रत्न – पन्ना। : रंग – हरा।
बुध का वैदिक मंत्र :
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च।
अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।। बुध का तांत्रिक मंत्र :
ॐ बुं बुधाय नमः ।।
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।।
बुध के परिवर्तन का ये होगा असर Effects of budh rashi parivartan…
1. मेष राशि :
मकर राशि में गोचर के दौरान, बुध आपके दसवें भाव में विराजमान होंगे। इस दौरान कार्यक्षेत्र में आपके काम को सराहा जाएगा और आप दूसरों के बीच प्रशंसा के पात्र बनेंगे। पहले किसी दिशा में की हुई मेहनत का फल भी इस गोचर के दौरान आपको जरूर मिलेगा। आपकी शख़्सियत में भी बहुत से प्रभावी बदलाव नजर आएंगे।
कार्यक्षेत्र में मार्केटिंग फील्ड से जुड़े लोगों को इस गोचर के दौरान विशेष लाभ प्राप्त होने की संभावना है। इस समय आपके शत्रु आप पर हावी नहीं हो पाएंगे।
उपाय: नियमित रूप से हनुमान जी की पूजा अर्चना करें।
2. वृषभ राशि :
बुध इस गोचर के दौरान आपके नवम भाव में स्थित होगा। ये स्थिति, आर्थिक पक्ष में होने वाले लाभ को दर्शाती है। इस राशि के जातक जो उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए ये समय अति उत्तम है। छात्रों का प्रदर्शन इस दौरान काफी अच्छा रहेगा।
आपके प्रेम संबंध में भी मजबूती आएगी। आप अपने जीवनसाथी और पार्टनर के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहेंगे। लिहाजा आपके लिए ये समय प्रेम संबंध के साथ वैवाहिक जीवन के लिहाज से भी काफी अच्छा सिद्ध होगा।
उपाय: बेहतर परिणामों के लिए गाय को चारा खिलाएं और पूरी श्रद्धा भाव से सेवा करें।
3. मिथुन राशि:
इस गोचर के दौरान बुध ग्रह आपके आठवें भाव में विराजमान होगा। यह आपके लिए सेहत की दृष्टिकोण से नुकसानदेह साबित हो सकता है। कार्यक्षेत्र में इस दौरान आप किसी नए प्रोजेक्ट का हिस्सा बन सकते हैं जिसकी सफलता आने वाले समय में आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगी।
इस अवधी के दौरान आपको अचानक ही किसी स्त्रोत से धन लाभ हो सकता है। कोई मित्र या दूर का रिश्तेदार इस दौरान आपको कोई शुभ समाचार दे सकता है। पारिवारिक जीवन में आपको थोड़ी निराशा हाथ लग सकती है। जमीन जायदाद से संबंधित किसी पारिवारिक कलह की स्थिति बनने पर खुद पर संयम रखें।
उपाय: परिवार की किसी महिला को उपहार दें।
4. कर्क राशि :
ये गोचर आपके सातवें भाव में विराजमान होगा। इस दौरान आपको विदेशी स्त्रोत से लाभ प्राप्त हो सकता है या फिर विदेश से कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकती है। अगर आप किसी नए बिजनेस की शुरुआत करना चाहते हैं तो आपके लिए ये समय काफी उत्तम है।
कार्यस्थल पर आपको किसी सहकर्मी का सहयोग प्राप्त होगा और बॉस आपके काम की सराहना करेगा।
5. सिंह राशि :
इस गोचर के दौरान बुध आपके छठे भाव में विराजमान होगा। ये स्थिति आपको आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। यदि इस वक़्त आप किसी विशेष निवेश की योजना बना रहे है तो उसे कुछ समय के लिए टालना ही उचित होगा।
इस दौरान मतभेद की स्थिति से बचें। इस समय आपके द्वारा बोला गया कोई शब्द आपको मुश्किल में डाल सकता है।
इस गोचर के प्रभाव से किसी बड़े कर्मचारी या सहकर्मी के साथ वाद विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
6. कन्या राशि :
बुध आपकी राशि के पांचवें भाव में स्थित होगा। ये स्थिति ख़ासतौर से विद्यार्थियों को विशेष लाभ प्रदान करेगा। इस समय आपके द्वारा की गई मेहनत का परिणाम आपको जरूर मिलेगा और आप अच्छा प्रदर्शन भी कर पाएंगे।
इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में नयी संभावनाएं प्राप्त होंगी और आय में भी बढ़ोतरी संभव है।
7. तुला राशि :
इस गोचर के दौरान बुध आपकी राशि के चौथे भाव में विराजमान होंगे। इस स्थिति में पारिवारिक जीवन सुखमय बीतेगा और जीवन में सुख शांति आएगी। इस दौरान यदि आप घर बदलने या फिर नए घर का निर्माण करने की सोच रहें हैं तो इस दिशा में आप आगे बढ़ सकते हैं।
फिर घर वापसी के अवसर भी मिल सकते हैं। आपकी निर्णायक क्षमता आपको कार्यक्षेत्र में एक विशेष पद भी प्रदान कर सकती है। कार्यक्षेत्र में आपके अधिकारों में इज़ाफ़ा होगा। इस समय अपनी पर्सनल और प्रोफ़ेशनल लाइफ में सफलता प्राप्त करने के लिए आपको काफी सोच विचार से आगे बढ़ने की जरुरत होगी। किसी भी मसले अपनी स्पष्ट राय रखें और ऐसे शब्दों का ही प्रयोग करें जिससे किसी को भी कष्ट न हो।
8. वृश्चिक राशि :
इस दौरान बुध ग्रह आपकी राशि के तीसरे भाव में स्थित होगा। ये स्थिति ख़ास ऊर्जा के संचरण की तरफ इशारा करती है। इस दौरान आप अपने लक्ष्य की तरफ अपना सारा ध्यान देते हुए सफलता के नए पैमाने भी निश्चित कर पाएंगे।
टेलीकम्यूनिकेशन, मार्केटिंग और पब्लिक रिलेशन से जुड़े लोगों के लिए ये गोचर काफी लाभदायक साबित होगा, उन्हें इस क्षेत्र में दौलत और शोहरत दोनों हासिल हो सकती है।
इस गोचर के दौरान अपनी सेहत का ख़ास ख़्याल रखें और खानपान का ध्यान रखें। इस दौरान बिना किसी कारण के तनाव ना लें, मूड फ्रेश करने के लिए किसी करीबी मित्र या जीवनसाथी के साथ यात्रा पर जा सकते हैं।
इस दौरान बुध आपकी राशि के दूसरे भाव में विराजमान होगा। जो आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है। यह स्थिति आपके लिए कार्यस्थल पर होने वाले लाभ को दर्शाती है।
10. मकर राशि :
बुध का गोचर आपकी राशि में ही है, ऐसे में बुध आपके प्रथम भाव या लग्न भाव में स्थित होगा। यह स्थिति सामाजिक मान सम्मान और पद प्रतिष्ठा में बढ़ोत्तरी के संकेत देती है।
जो जातक पॉलिटिक्स, पुलिस, अस्पताल जैसे सामाजिक कार्यों वाले संस्थान में कार्यरत हैं उन्हें इस दिशा में सफलता मिलने के पूरे आसार हैं। साथ ही ये समय आपको मानसिक रूप से काफी आहत भी पहुंचा सकता है, अत: अपने मन को स्थिर रखते हुए खुश रहने का प्रयास करें।
ध्यान रखें गोचर की अवधि के दौरान छोटे से छोटा मतभेद भी आपको बड़ी परेशानी में डाल सकता है। अगर आप विवाहित हैं तो मुसीबत की घड़ी में आपका ससुराल पक्ष भी आपके साथ खड़ा होगा। विद्यार्थियों के लिए ये समय ठीक नहीं कहा जाता।
उपाय: बेहतर परिणामों के लिए पीपल के पेड़ में नियमित रूप से जल चढ़ाएं।
11. कुम्भ राशि :
बुध आपकी राशि के बारहवें भाव में विराजमान होगा। ये गोचर खासतौर से छात्रों के लिए लाभदायक साबित होगा।
वहीं कार्यस्थल पर आपका काम प्रसंसनीय रहेगा और आप नयी बुलंदियों को छू पाएंगे। इस समय शत्रु पक्ष का प्रभाव आप पर नहीं होगा बल्कि आप उन पर भारी पड़ेंगे। बुध के मकर राशि में गोचर होने से आप अपने विरोधियों को पीछे छोड़ते हुए काफी आगे निकल जाएंगे।
इस दौरान आप अपने जीवनसाथी, पार्टनर या फिर करीबी दोस्त के साथ किसी यात्रा पर भी जा सकते हैं। यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो ये समय आपके प्रेम संबंध के लिए ख़ासा चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
उपाय: गोचर के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए काले कुत्ते को रोटी खिलाना ना भूलें।
12. मीन राशि :
बुध ग्रह आपके ग्यारहवें भाव में स्थित होगा। ये स्थिति आपके वैवाहिक जीवन में खुशियों की तरफ इशारा करता है। इस दौरान आपका जीवनसाथी या बिजनेस पार्टनर आपकी मदद करेंगे जिससे आपको अपार धन लाभ होगा। आपका आकर्षक व्यक्तित्व किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित कर सकता है, और इसी का फायदा आपको पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों क्षेत्रों में मिलेगा।
उपाय: नियमित रूप से विष्णु भगवान् को पीला चंदन अर्पित करें।