उत्तर भारत में रामायण के रूप में कई लोगों द्वारा प्रतिदिन पढ़ा जाता है। श्री रामचरित मानस में इस ग्रन्थ के नायक को एक महाशक्ति के रूप में दर्शाया गया है जबकि महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण में श्री राम को एक मानव के रूप में दिखाया गया है।
गोस्वामी तुलसीदासजी ने भगवान राम के जीवन और उनके राम राज्य पर पवित्र धार्मिक ग्रंथ रामचरिममानस की रचना की थी। रामचरितमानस की चौपाइयां केवल शब्द ही नहीं हैं बल्कि मानव कल्याण का साधन भी है। इन चौपाइयों के जप से आप अपनी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकते हैं।
वहीं इन दिनों लॉकडाउन में लोगों के पास समय की कोई कमी नहीं है। ऐसे ही लोगों को आज हम रामचरितमानस की उपयोगिता के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनके जप से ही मनुष्य बड़े-से-बड़े संकट में भी खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे। जानिए इनके बारे में…
1. रोग विनाश के लिए …
चौपाई: राम कृपा नाशहिं सव रोगा।
जो यहि भांति बनहिं संयोगा।।
हालांकि जो वायरस इस वक्त फैला हुआ है उसकी जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक किसी को राहत नहीं मिलने वाली है। लेकिन इस चौपाई के प्रयोग से आप रोगों की आशंका को दूर कर सकते हैं।
2. सहायता के लिए…
चौपाई: मोरे हित हरि सम नहि कोऊ।
एहि अवसर सहाय सोई होऊ।।
अगर आपको लग रहा है कि वर्तमान स्थिति में आपकी सहायता करने वाला कोई नहीं है तो आप रोजाना इस चौपाई का ध्यान करें तो आपको जरूर से लाभ होगा।
3. संकट से बचने के लिए…
चौपाई: दीन दयालु विरद संभारी।
हरहु नाथ मम संकट भारी।।
अगर आपको लग रहा है कि आप किसी संकट में फंस रहे हैं या फिर कोई ऐसी चीज है तो आपको डरा रही है तो आप इस चौपाई को पढ़ सकते हैं। इस चौपाई के रोजाना जप से आपको इस कठिन स्थिति में भी लाभ होगा।
4. आत्मरक्षा के लिए…
चौपाई : मामभिरक्षक रघुकुल नायक।
घृत वर चाप रुचिर कर सायक।।
हे रघुकुल के स्वामी! सुंदर हाथों में श्रेष्ठ धनुष और सुंदर बाण धारण किए हुए आप मेरी रक्षा कीजिए। आप महामोहरूपी मेघसमूह के (उड़ाने के) लिए प्रचंड पवन हैं, संशयरूपी वन के (भस्म करने के) लिए अग्नि हैं और देवताओं को आनंद देने वाले हैं। किसी भी प्रकार की परेशानी में आत्मरक्षा के लिए आपको रोजाना इस चौपाई का जप करना चाहिए।
5. विपत्ति दूर करने के लिए…
चौपाई: राजीव नयन धरे धनु सायक।
भक्त विपत्ति भंजन सुखदायक।।
कमल के समान नेत्रों वाले मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम अपने प्रिय भक्तों की सभी प्रकार की विपत्तियों का भंजन अर्थात नाश करके उन्हें सुख प्रदान करने के लिए ही सदैव हाथ में धनुष सायक अर्थात् बाण धारण किए रहते हैं।
कवन सो काज कठिन जग माही!
जो नहीं होइ तात तुम पाहीं!!
यदि आप लंबे समय से मन में कोई इच्छा लिए हुए हैं और वह पूरी नहीं हो रही है तो आप इस चौपाई के प्रयोग से अपनी इच्छा की पूर्ति कर सकते हैं। यह इच्छा घर, वाहन नौकरी आदि किसी से भी जुड़ी हो सकती है।
7. विवाह में आ रही है बाधा
तब जन पाई बसिष्ठ आयसु ब्याह! साज संवारि कै!!
मांडवी, श्रुतकी, रति, उर्मिला कुंअरि लई हंकारि कै!!
यदि आपके विवाह में बाधा आ रही है और कई बार बात बनते-बनते रह जाती है तो इस चौपाई का 108 बार जप करने से आपकी सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
हरन कठिन कलि कलुष कलेसू!
महामोह निसि दलन दिनेसू!!
यदि घर में पति-पत्नी या फिर परिवार के अन्य सदस्यों के बीच बिना किसी बात के झगड़ा होता है तो इस चौपाई के जप से आपको लाभ होगा और घर का माहौल शांत और सुकून भरा रहने लगेगा।