उनकी एक आंख सोमवार को एक व्यक्ति को प्रत्यारोपित कर दी गई है। इस मरीज को बिल्कुल नहीं दिखता था इसलिए अब तक उसका जीवन बेरंग था। अब उसे एक आंख से दिखाई देना शुरू हो जाएगा। दूसरी आंख भी मंगलवार तक किसी को लगाने की तैयारी है। यदि नहीं लगाई जा सकी तो उसे मेडिकल रिसर्च के काम में लिया जाएगा।
गौरतलब है कि रमाकांत गुंदेचा का शुक्रवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया था। उसके बाद उनकी पत्नी रेनू और पुत्र अनंत ने उनके नेत्रदान करने का फैसला लिया। गांधी मेडिकल कॉलेज में नेत्र रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ कविता कुमार ने बताया कि गुंदेजा परिवार ने स्वप्रेरणा से नेत्रदान का फैसला लिया।
सूचना मिलने पर विभाग के विशेषज्ञों ने शुक्रवार को उनकी आंखों से दो कॉर्निया प्राप्त की। उसे प्रिजर्वेटिव में संरक्षित किया गया। इससे दो लोगों की दुनिया रोशन हो सकती है। एक कॉर्निया का ट्रांसप्लांट सोमवार को कर दिया गया है। कॉर्निया को चार दिन तक संरक्षित किया जा सकता है। यदि मेडिकल कॉलेज को मंगलवार तक कोई उपयुक्त मरीज मिल गया तो उसे दूसरा कॉर्निया लगा दिया जाएगा।
डॉ कुमार के अनुसार यदि कोई मरीज नहीं मिला तो मंगलवार के बाद रमाकांत गुंदेचा की दूसरी कॉर्निया को मेडिकल रिसर्च के लिए उपयोग किया जाएगा। इससे नेत्र रोग विभाग में अध्ययनरत छात्र नेत्र संबंधी बारीकियां सीखेंगे। गुंदेचा बंधु सालों से अपने ध्रुपद गायन से लोगों के मन में मिठास घोलते आ रहे हैं। रमाकांत गुंदेचा को संगीत के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान को देखते हुए पद्दमश्री से भी नवाजा गया।