वहीं, पीपीपी मोड के तहत निजी एजेंसी की भी तलाश की जा रही है। इसके अलावा अन्य योजनाओं के लिए राशि जारी कर दी गई है। इसमें धर्म, अध्यात्म, स्वास्थ्य, शिक्षा, वन इत्यादि से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं।
राम वन गमन पथ के प्रस्तावित मार्ग में सतना, पन्ना, कटनी, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर जिले आते हैं। योजना के तहत इस क्षेत्र में आने वाले अंचलों को संवारा जाएगा। रामपथ के तीर्थ स्थलों के जीर्णोद्धार, संरक्षण किया जाना है। इन क्षेत्रों के विकास एवं जनसुविधाएं, भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था, मेले, उत्सव और अध्यात्मक कार्यक्रम को लेकर कार्ययोजना भी है।
इस पथ के बीच में पडऩे वाले नदी, झरने को प्रदूषणमुक्त करने तथा छायादार पौधे के रोपने की योजना है। यहां के मार्ग को फोरलेन बनाने का भी प्लान है। इतने कामों के बीच सरकार का मानना है कि इस योजना को सिर्फ सरकारी स्तर पर अमलीजामा नहीं पहनाया जा सकता, इसलिए पीपीपी मोड में इसे पूरा किए जाने का भी प्लान है।
पुजारी कोष और मठ मंदिरों के लिए मिली रकम
राज्य सरकार ने पुजारी कल्याण कोष और मठ मंदिर सलाहकार समिति के लिए भी बजट का प्रावधान कर दिया है। पुजारी कल्याण कोष के लिए एक करोड़ रुपए आवंटित किए हंै। इसी प्रकार मठ मंदिर सलाहकार समिति के लिए भी 50 लाख आवंटित कर दिए हैं।
राज्य सरकार ने पुजारी कल्याण कोष और मठ मंदिर सलाहकार समिति के लिए भी बजट का प्रावधान कर दिया है। पुजारी कल्याण कोष के लिए एक करोड़ रुपए आवंटित किए हंै। इसी प्रकार मठ मंदिर सलाहकार समिति के लिए भी 50 लाख आवंटित कर दिए हैं।
इन योजनाओं के लिए भी मिला बजट
: युवा शक्ति योजना के लिए – 3 करोड़ : समन्वित सार्वजनिक वितरण प्रणाली प्रबंधन योजना – 2.86 करोड़ : सार्टेंड सेक्सड सीमेन परियोजना – 12.42 करोड़
: युवा शक्ति योजना के लिए – 3 करोड़ : समन्वित सार्वजनिक वितरण प्रणाली प्रबंधन योजना – 2.86 करोड़ : सार्टेंड सेक्सड सीमेन परियोजना – 12.42 करोड़
: मुख्यमंत्री बागवानी तथा खाद्य प्रसंस्करण योजना – 01 करोड़
: पुजारी कल्याण कोष – 01 करोड़ : मठ मंदिर सलाहकार समिति – 50 लाख : वन मानचित्रों का डिजिटाइजेशन – 50 करोड़
: डूमना नेचर सफारी की स्थापना – 10 करोड़
: पुजारी कल्याण कोष – 01 करोड़ : मठ मंदिर सलाहकार समिति – 50 लाख : वन मानचित्रों का डिजिटाइजेशन – 50 करोड़
: डूमना नेचर सफारी की स्थापना – 10 करोड़
:वन रोपण निधि प्रबंधन योजना – 250 करोड़
: राज्य पुस्तकालय – 10 करोड़
: राज्य पुस्तकालय – 10 करोड़