संवत 1631 में इस मंदिर की नींव पड़ी थी। ओरछा स्टेट के राजा मधुकर शाह ने अपनी रामभक्त रानी कुंवरि गणेश के लिए भव्य राममंदिर बनवाया। हालांकि श्रीराम राजा सरकार रानी की रसोई में ही विराजित हो गए और मूल मंदिर आज भी सूना पड़ा है। बाद में रसोईघर में भव्य मंदिर का रूप दिया गया।
यह भी पढ़ें : ओरछा में बदला 500 साल पुराना रिवाज, जानिए अब राम राजा सरकार को कैसे देंगे सलामी श्रीराम राजा सरकार रोज ओरछा से सोने के लिए अयोध्या जाते हैं। सदियों से रोज रात को यह परंपरा निभाई जा रही है। श्रीराम राजा सरकार को ज्योति के रूप में ओरछा के हनुमान मंदिर में ले जाते हैं। मान्यता है कि यहां से हनुमानजी श्रीराम को अयोध्या ले जाते हैं।
इस प्रकार श्रीराम राजा सरकार दिनभर तो ओरछा में रहते हैं पर रात में वे अयोध्या प्रस्थान कर जाते हैं। इस अनोखे रिवाज के कारण बुंदेलखंड में कहा जाता है—
‘राम के दो निवास खास, दिवस ओरछा रहत, शयन अयोध्या वास।’ अर्थात श्रीराम के दो निवास हैं। वे दिनभर ओरछा में रहते हैं और सोने के लिए अयोध्या जाते हैं।
‘राम के दो निवास खास, दिवस ओरछा रहत, शयन अयोध्या वास।’ अर्थात श्रीराम के दो निवास हैं। वे दिनभर ओरछा में रहते हैं और सोने के लिए अयोध्या जाते हैं।
ओरछा के श्रीराम राजा सरकार मंदिर के पुजारी इस संबंध में विस्तार से बताते हैं। पुजारी बताते हैं कि रोज रात में श्रीराम राजा सरकार की ब्यारी (संध्या) आरती की जाती है। संध्या आरती के बाद ज्योति को पाताली हनुमान मंदिर ले जाते हैं। हनुमानजी का यह मंदिर पास में ही है। भजन— कीर्तन करते हुए ज्योति हनुमान मंदिर में स्थापित कर देते हैं। मान्यता है कि यहां से ज्योति रूप में श्रीराम को हनुमानजी शयन के लिए अयोध्या ले जाते हैं।
राजा राम को देते हैं गार्ड ऑफ ऑनर
मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद बुंदेली शासकों ने ओरछा में श्री राम राजा सरकार के नाम से ही राज चलाया। राजा राम को बाकायदा सलामी दी जाती थी जोकि आज भी जारी है। रोज एमपी सरकार की ओर से श्रीराम राजा सरकार को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है।
मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद बुंदेली शासकों ने ओरछा में श्री राम राजा सरकार के नाम से ही राज चलाया। राजा राम को बाकायदा सलामी दी जाती थी जोकि आज भी जारी है। रोज एमपी सरकार की ओर से श्रीराम राजा सरकार को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है।