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दहन से पहले यहां रावण को बचाने में जुटे राम भक्त, कारीगरों पर भी टूटा दुखों का पहाड़, जानिए वजह

भोपाल में हुई बारिश के कारण रावण दहन करने की तैयारी में जुटे राम भक्त रावण को बारिश से बचाते नजर आए।

भोपालOct 05, 2022 / 06:36 pm

Faiz

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दहन से पहले यहां रावण को बचाने में जुटे राम भक्त, कारीगरों पर भी टूटा दुखों का पहाड़, जानिए वजह

भोपाल. एक तरफ जहां देशभर में दशहरे पर रावण दहन की तैयारियों जोर शोर से चल रही हैं। वहीं, मध्य प्रदेश के अधिकतर इलाकों में इस बार बारिश का ग्रहण पड़ गया है। बात करें राजधानी भोपाल की तो यहां कई इलाकों में बारिश हो रही है। ऐसे में रावण दहन करने की तैयारी में जुटे राम भक्त रावण को बारिश से बचाते नजर आए। सिर्फ भोपाल में ही करीब 40 स्थानों पर रावण दहन के बड़े कार्यक्रमों की तैयारी की जा रही है। लेकिन, शहर के अधिकतर इलाकों में अचानक हुई बारिश के चलते रावण, मेघनाथ, कुंभकरण के पुतले बीग गए हैं। ऐसे में गीले पुतले जलाना संभव नहीं है। इसलिए दहन से पहले यहां लोग रावण को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान रावण बनाने वाले कारीगरों को भी तेज बारिश में पुतले भीग जाने के कारण लाखों का नुकसान हुआ है।

हालांकि, आयोजकों ने बारिश के दौरान इन पुतलों को बचाने के लिए प्रयास भी किए और उसके ऊपर रेनकोट डाल दिया। लेकिन बारिश तेज होने के कारण अधिकतर पुतले गीले हो गए हैं। अब आयोजक वैकल्पिक व्यवस्था करने में जुट गए हैं। आयोजकों की कोशिश है कि कार्यक्रम स्थल पर लोग आएंगे, तो उन्हें निरास न होने पड़े। इसी को ध्यान में रखते हुए आयोजकों द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था करने में जुट गए हैं।

 

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शहर में यहां होते हैं बड़े आयोजन

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भोपाल के टीटी नगर दशहरा मैदान और छोला दशहरा मैदान में शहर के सबसे बड़े कार्यक्रम होते हैं। दोनों जगह ही रावण, कुंभकरण, मेघनाथ गीले हो गए हैं। वहीं, तेज बारिश के चलते कारीगरों को लाखों का नुकसान हुआ है। उनके पुतले बारिश में भीग गए हैं। बड़ी संख्या में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ भीग गए हैं। बेचने के लिए बड़ी संख्या में पुतले बनाए गए थे। दुकानदारों का कहना है कि, 10 हजार का रावण अब 1 हजार में भी कोई खरीदने को तैयार नहीं है। इस बार काफी उम्मीदें थी, लेकिन सब पर पानी फिर गया। पिछले डेढ़ महीने की मेहनत बर्बाद हो गई।

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