भाजपा ने मध्यप्रदेश के तीन उम्मीदवारों को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाकर सभी को चौंकाया ही है, लेकिन इनमें से भी संत उमेशनाथ महाराज (umesh nath maharaj) के नाम ने सबसे ज्यादा चौंकाया है। संत समाज से उम्मीदवार बनाए गए उमेशनाथ से आशीर्वाद लेने अमित शाह से लेकर आरएसएस प्रमुख भी आ चुके हैं।
भाजपा राज्यसभा में भी भगवा ब्रिगेड तैयार कर रही है। इसी सिलसिले में भाजपा ने बुधवार को उज्जैन के संत उमेशनाथ महाराज को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। इस फैसले से भाजपा ने सभी को एक बार फिर चौंका दिया।
उज्जैन के संत उमेशनाथ महाराज वाल्मिकी धाम आश्रम के पीठाधीश्वर हैं और वाल्मिकी समाज से आते हैं। उमेशनाथ महाराज के राज्यसभा में जाने की चर्चा इसलिए भी ज्यादा हो रही है क्योंकि पिछले कुछ समय से केंद्रीय मंत्री अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत उनका आशीर्वाद ले चुके हैं। यहां तक कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह पिछले सिंहस्थ कुंभ में उमेशनाथ महाराज के साथ समरसता नहान भी कर चुके हैं। कुछ समय पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी इनके आश्रम आए थे और उमेशनाथ के साथ ही महाकाल के गर्भगृह में दर्शन करने गए थे।
कौन है उमेश नाथ महाराज उमेश नाथ महाराज श्री क्षेत्र वाल्मीकि धाम आश्रम उज्जैन के पीठाधीश्वर है। 19 नवंबर 1964 में रतलाम जिले के जावरा में जन्मे उमेश ना के पिता का नाम हरिलाल मेहना है। एमए दर्शन शास्त्र करने वाले उमेशनाथ अनुसूचित जाति से आते हैं।
उमेश नाथ महाराज के अलावा जिन तीन लोगों को भाजपा राज्यसभा भेजने वाली हैं उनमें डा. एल मुरुगन, माया नरोलिया और बंसीलाल गुर्जर के नाम भी शामिल हैं। नर्मदापुरम की रहने वाली माया नारोलिया भाजपा की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं। भाजपा ने राज्यसभा में माया नारोलिया को भेजकर महिला वर्ग को साधने की कोशिश की है। डा. एल मुरुगन को भाजपा ने मध्यप्रदेश से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है, वे पहले भी मध्यप्रदेश से ही राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। मोदी में सूचना प्रसारण, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री भी हैं। इनके अलावा मंदसौर के रहने वाले किसान नेता बंसीलाल गुर्जर को भी राज्यसभा भेजने की तैयारी कर ली है। गुर्जर भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।
यह है चुनाव प्रक्रिया 8 फरवरी को चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होगा और नामांकन 15 फरवरी तक दाखिल किए जा सकेंगे। नामांकन की जांच 16 फरवरी को होगी। 20 फरवरी तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकेंगे। इसके बाद जो उम्मीदवार राज्यसभा में चुनकर जाएंगे उनका कार्यकाल 6 साल का होगा।