दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोदी सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं। लेकिन गुजरात में हुए दंगों के दौरान ढ़ाई हजार लोग मारे गए और मोदी ने माफी तक नहीं मांगी। जो व्यक्ति टोपी पहनने को तैयार नहीं था, जो व्यक्ति गुजरात के सीएम होते हुए मुस्लिम छात्रों को छात्रवृति देने को तैयार नहीं था, जो रोज इफ्तार में नहीं जाता था। वह व्यक्ति संसद के अपने पहले भाषण में कहता है कि हमें मुस्लिमों का विश्वास प्राप्त करना है। मैं उन्हें इसके लिए बधाई देता हूं।
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दिग्विजय ने अल्पसंख्यकों और संविधान को नमन करने के लिए पीएम मोदी को बधाई दिया। साथ ही यह सवाल भी किया कि क्या यह वाकई परिवर्तन है या सिर्फ जुमला है। वह जो कह रहे हैं वो करके दिखा दें तो हमें बड़ी प्रसन्नता होगी। दिग्विजिय सिंह ने कहा कि इनलोगों ने सांप्रदायिकता का जहर कूट-कूटकर लोगों में भर दिया है। ऐसे में सबका विश्वास कैसे प्राप्त होगा। सांप्रदायिकता भूत और जिन्न जो बोतल में बंद था वो अब बाहर निकल गया है।
दिग्विजय ने अल्पसंख्यकों और संविधान को नमन करने के लिए पीएम मोदी को बधाई दिया। साथ ही यह सवाल भी किया कि क्या यह वाकई परिवर्तन है या सिर्फ जुमला है। वह जो कह रहे हैं वो करके दिखा दें तो हमें बड़ी प्रसन्नता होगी। दिग्विजिय सिंह ने कहा कि इनलोगों ने सांप्रदायिकता का जहर कूट-कूटकर लोगों में भर दिया है। ऐसे में सबका विश्वास कैसे प्राप्त होगा। सांप्रदायिकता भूत और जिन्न जो बोतल में बंद था वो अब बाहर निकल गया है।
जहर भर दिया है
राज्यसभा में बोलते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि आपने लोगों के मन में सांप्रदायिकता का जहर भर दिया है। उसका परिणाम झारखंड में देखने को मिला। जहां भीड़ ने एक मुस्लिम युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। झारखंड में क्या सरकार है, वहां की पुलिस क्या कर रही थी कि 18 घंटे तक पोल से बांधकर उसकी पिटाई होती रही। उसके बाद कोई देखने भी नहीं आया।
राज्यसभा में बोलते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि आपने लोगों के मन में सांप्रदायिकता का जहर भर दिया है। उसका परिणाम झारखंड में देखने को मिला। जहां भीड़ ने एक मुस्लिम युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। झारखंड में क्या सरकार है, वहां की पुलिस क्या कर रही थी कि 18 घंटे तक पोल से बांधकर उसकी पिटाई होती रही। उसके बाद कोई देखने भी नहीं आया।
जय श्रीराम का नारा लगता है
दिग्विजय सिंह ने कहा कि सभापति महोदय, मुझे दुख होता है कि संसद में एक तरफ से जय श्रीराम का नारा लगता है तो दूसरी तरफ से अल्लाहू अकबर का नारा लगता है। इनलोगों ने भारतीय संसदीय परंपरा में भी कूट-कूटकर जहर भर दिया है। दिग्विजय ने पंडित जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि उन पर देश का पूरा मुसलमान भरोसा करता था।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि सभापति महोदय, मुझे दुख होता है कि संसद में एक तरफ से जय श्रीराम का नारा लगता है तो दूसरी तरफ से अल्लाहू अकबर का नारा लगता है। इनलोगों ने भारतीय संसदीय परंपरा में भी कूट-कूटकर जहर भर दिया है। दिग्विजय ने पंडित जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि उन पर देश का पूरा मुसलमान भरोसा करता था।
इसे भी पढ़ें: आपातकाल के 44 साल, कांग्रेस सरकार में इमरजेंसी के खिलाफ आवाज उठाने वालों को नहीं मिल रही पेंशन कांग्रेस को नुकसान होता है राज्यसभा में दिग्विजय सिंह ने कहा कि वोट बैंक पॉलिटिक्स से कांग्रेस को नुकसान होता है। जहां भी सांप्रदायिक दंगे होते हैं, वहां का वोट हिंदू-मुस्लिम के नाम पर बंट जाता है। कैसे-कैसे नेता अब चुनकर संसद में आ रहे हैं।
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह इस बार के लोकसभा चुनाव में भोपाल से कांग्रेस के उम्मीदवार थे। लेकिन बीजेपी के साध्वी प्रज्ञा से वो चुनाव हार गए। वहीं, राज्यसभा में दिग्विजय सिंह ने बेरोजगारी और पुलवामा के मुद्दे पर उऩ्होंने मोदी सरकार पर हमला किया।