दरअसल, मानसून की पहली बारिश के बाद राजधानी भोपाल में भी पिछले दो सप्ताह से बारिश नहीं हुई थी। अब दो दिनों से भोपाल में भी रुक-रुक कर झमा-झम बारिश हो रही है। साथ ही लोगों को गर्मी से राहत भी मिली है। हालांकि कई इलाकों में नगर निगम की लापरवाही की वजह से लोगों की जिंदगी नारकीय हो गई है। उन इलाकों में जल-जमाव की वजह से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है।
मंदसौर में गिरे घर
बारिश ने भले ही लोगों को गर्मी से राहत दिलाई है। लेकिन मंदसौर के लोगों के लिए यह आफत की बारिश है। कई जगहों पर कच्चे घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मंदसौर के जिला कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा है कि प्रभावित लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है। प्रावधानों के अनुसार उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।
बारिश ने भले ही लोगों को गर्मी से राहत दिलाई है। लेकिन मंदसौर के लोगों के लिए यह आफत की बारिश है। कई जगहों पर कच्चे घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मंदसौर के जिला कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा है कि प्रभावित लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है। प्रावधानों के अनुसार उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।
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भारी बारिश की वजह से धार के पास कोयलारी जंगल में पहाड़ी नदी में ऊफान आ गया। जिससे गुरुवार के दिन बैतूल-अबोदुल्लागंज हाईवे को घंटों के लिए बंद करना पड़ा था। अभी भी वहां हाईवे के ऊपर से पानी गुजर रहा है। हालांकि पानी का बहाव थोड़ा कम हुआ है।
भारी बारिश की वजह से धार के पास कोयलारी जंगल में पहाड़ी नदी में ऊफान आ गया। जिससे गुरुवार के दिन बैतूल-अबोदुल्लागंज हाईवे को घंटों के लिए बंद करना पड़ा था। अभी भी वहां हाईवे के ऊपर से पानी गुजर रहा है। हालांकि पानी का बहाव थोड़ा कम हुआ है।
इसके साथ ही अशोकनगर जिले में भी नादी-नाले उफान पर है। इस वजह से शहर का आरोन और सिरोंज से सड़क संपर्क टूट गया है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है हि कि तीन से चार दिन प्रदेश में बारिश का दौर और जारी रहेगा।
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भारी बारिश के कारण कूनो, सीप, अहेली, जमूदा, सरारी, मोरडूंगरी और पार्वती नदियां उफान पर आ गईं हैं। श्योपुर से शिवपुरी मार्ग पर स्थित बावंदा नाला उफान पर आने से करीब छह घंटे हाईवे पर वाहन फंसे रहे। नादियों में उफान के कारण रेलवे ट्रैक भी डूब गया है जिस कारण से नैरोगेज ट्रेन को रद्द कर दिया गया है। श्योपुर में भारी बारिश के कारण ध्रुव कुंड महादेव मंदिर भी डूब गया है।
भारी बारिश के कारण कूनो, सीप, अहेली, जमूदा, सरारी, मोरडूंगरी और पार्वती नदियां उफान पर आ गईं हैं। श्योपुर से शिवपुरी मार्ग पर स्थित बावंदा नाला उफान पर आने से करीब छह घंटे हाईवे पर वाहन फंसे रहे। नादियों में उफान के कारण रेलवे ट्रैक भी डूब गया है जिस कारण से नैरोगेज ट्रेन को रद्द कर दिया गया है। श्योपुर में भारी बारिश के कारण ध्रुव कुंड महादेव मंदिर भी डूब गया है।