गुरुवार को क्षेत्रीय विधायक विश्वास सारंग समेत रेलवे, जिला प्रशासन और पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने प्रस्तावित ब्रिज के स्थल का निरीक्षण किया। प्रथम चरण में इसके लिए शासन ने 72 करोड़ रुपए की राशि रेलवे को दी है। जल्द ही इसका काम शुरू हो जाएगा। शासन ने निर्माण के लिए 18 माह प्रस्तावित किया है। इस ब्रिज के बन जाने से राजधानी की करीब 15 लाख की आबादी को आवागमन में सुविधा मिलेगी। आरओबी रेलवे और राज्य की सरकार के सहयोग से बन रहा है।
15 किमी का चक्कर बचेगा
दावा किया गया है कि छह रेलवे ट्रैक को पार करने वाला यह देश का पहला आरओबी होगा। इसके बनने से करीब 15 किमी का चक्कर बचेगा। ● अभी भोपाल प्लेटफॉर्म 1 से छोला जाने के लिए छोटी गाड़ियों को पुलिया से गुजरना पड़ता है, बड़ी गाड़ियां भारत टॉकीज आरओबी से लंबा चक्कर लगाती हैं। इससे दूरी घटेगी। ● भोपाल स्टेशन से एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों को पुराने भोपाल के ट्रैफिक से गुजरना पड़ता है। आरओबी से यात्री प्लेटफार्म-1 से सीधे छोला होते हुए करोद मार्ग से एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे।
● कई ट्रेनें बैरागढ़ से सीधे निशातपुरा होते हुए निकलती हैं। अभी यात्रियों को कनेक्टिविटी न होने से ट्रेन पकड़ने बैरागढ़ जाना पड़ता है। आरओबी बनने से यात्री बैरागढ़ न जाकर सीधे निशातपुरा स्टेशन से ही अपनी ट्रेन पकड़ सकेंगे।
कहां से कहां तक: भोपाल रेलवे प्लेटफार्म 1 से खेड़ापति हनुमान मंदिर तक
लागत : 90 करोड़ (75 करोड़ मप्र सरकार ने दिया) दूरी : लंबाई 610 मीटर और चौड़ाई 9.50 मीटर कब तक बन जाएगा: 18 माह में प्रस्तावित कितने को फायदा : करीब 15 लाख की आबादी