जानकारी के मुताबिक रीवा, सीहोर, नरसिंहपुर, रायसेन, मंडला, शिवपुरी, श्योपुर, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, खरगोन, दमोह समेत करीब १५ जिलों में अधिक नुकसान हुआ है। इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने किसानों को भरोसा दिया है कि राज्य में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का सरकार उचित मुआवजा देगी। अधिकतर जिलों में फसल कटकर खलिहानों में रखी हैं। इन फसलों को बारिश से नुकसान हुआ है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि सभी कलेक्टरों को फसल नुकसानी का आंकलन करने निर्देश दिए गए हैं।
किसानों को तत्काल मिले राहत
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि असमय बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे न होने से किसान संकट में हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द सर्वे करवाकर किसानों को राहत राशि जारी करे। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। कमलनाथ ने कहा कि महंगाई चरम पर है। डीजल के भाव बढऩे से किसान पहले से ही संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में मौसम की मार ने किसानों की कमर तोड़ दी है।
सागर में सबसे ज्यादा 44 मिमी तक बारिश
बारिश के कारण बदले मौसम से शनिवार को न्यूनतम पारे में गिरावट आई। कहीं बारिश की गतिविधियां दर्ज नहीं की गई। मौसम विशेषज्ञों ने 24 से 48 घंटों में तापमान में बढ़त की संभावना जताई है। वहीं, कई शहरों में बीते 24 घंटों में 10 से 30 मिमी तक बारिश दर्ज हुई। सागर में सबसे अधिक 44 मिमी पानी बरसा। वहीं मंडला में 12 मिमी, नरसिंहपुर में ८ मिमी, उमरिया-दमोह में ७, जबलपुर में ५ तो खजुराहो में ३ मिमी बारिश रेकॉर्ड हुई। वहीं पश्चिमी प्रदेश में भोपाल में 14.6 मिमी, रायसेन में 12.6, शाजापुर में ७, गुना में 5.6 मिमी बरसात दर्ज की गई। वहीं कुछ जिलों में एक से तीन मिमी बरसात हुई।